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एमबीबीएस परीक्षा घोटाला : 24 छात्रों समेत 41 के खिलाफ एफआईआर की सिफारिश

रोहतक स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने परीक्षा नियंत्रक कार्यमुक्त, छह नियमित कर्मचारी निलंबित, छह आउटसोर्स कर्मियों की छुट्टी
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

रोहतक, 14 फरवरी

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एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक (यूएचएसआर) के अधिकारियों ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। इसमें एक निजी कॉलेज के 24 एमबीबीएस छात्रों और विश्वविद्यालय के 17 कर्मचारियों सहित 41 व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की गयी। इसके अतिरिक्त, परीक्षा नियंत्रक को तत्काल प्रभाव से उनकी ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। क्लर्क से लेकर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट तक विश्वविद्यालय के छह नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। छह आउटसोर्स स्टाफ सदस्यों की सेवाएं खत्म कर दी गयी हैं। इससे पहले, दो नियमित कर्मचारियों- रोशन लाल और रोहित को निलंबित कर दिया गया था और तीन अन्य आउटसोर्स स्टाफ सदस्यों- दीपक, इंदु और रीतू की सेवाएं पिछले महीने खत्म कर दी गयी थीं।

यह कार्रवाई यूएचएसआर के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने इस मामले में तीन सदस्यीय समिति द्वारा सौंपी गयी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद की है। डॉ. अग्रवाल ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि इस घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

एक निजी कॉलेज के एमबीबीएस छात्र ने पिछले महीने शिकायत देकर आरोप लगाया गया कि एमबीबीएस वार्षिक और पूरक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं कैंपस के बाहर दोबारा लिखी जा रही हैं। छात्रों को परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के लिए कथित तौर पर प्रति विषय 3 से 5 लाख रुपये लिए

गये थे।

पीजीआई रोहतक (फाइल फोटो)
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