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Martyred BSF Jawan Cremated : भूपेंद्र हुड्डा, कृष्ण मूर्ति हुड्डा समेत कई नेताओं ने दी विदाई

Martyred During Encounter With Naxalites in Manipur
रोहतक जिले के गांव किलोई में शहीद सुनील कुमार के परिजनों को तिरंगा सौंपते सेवा के अधिकारी। -हप्र
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रोहतक, 24 दिसंबर (हप्र) : मणिपुर में 22 दिसंबर को नक्सली हमले में शहीद हुए बीएसएफ के जवान सुनील कुमार (Martyred BSF Jawan Cremated ) का मंगलवार को अंतिम संस्कार किया गया। शहीद का उनके पैतृक गांव किलोई में राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। जिला प्रशासन की तरफ से उपमंडलाधीश आशीष कुमार ने शहीद सुनील कुमार के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार के दौरान पूरा माहौल सुनील कुमार अमर रहे के नारों से गुंजायमान रहा।

Martyred BSF Jawan Cremated-कई बड़े नेता पहुंचे श्रद्धांजलि देने

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा, नवीन जयहिन्द सहित हजारों लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने किलोई गांव में पहुंचे। हुड्डा ने शहीद को नमन किया और परिवारजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढ़स बंधाया।

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'बहादुर जवान थे'

इस दौरान (during)  पूर्व मंत्री कृष्ण मूर्ति हुड्डा ने कहा कि सुनील हुड्डा एक निडर, साहसी व बहादुर जवान थे। वह हरियाणा के मुख्यमंत्री से मिलकर शहीद सुनील हुड्डा का गांव में एक प्रतिमा लगवाने की अपील करेंगे। साथ ही वो (Alongwith)  गांव की किसी सरकारी संस्था का नाम भी शहीद सुनील हुड्डा के नाम पर करवाने की कोशिश करेंग।

नवीन जयहिन्द ने कहा कि जब भी कोई शहीद होता है तो उनके परिवार को संभालने की जिम्मेदारी सरकार ही नहीं बल्कि समाज की भी बनती है।

रोहतक जिले के गांव किलोई में शहीद सुनील कुमार के परिजनों को तिरंगा सौंपते सेवा के अधिकारी। -हप्र

मणिपुर में नक्सलियों से हुी थी मुठभेड़

उल्लेखनीय है कि (It is significant that) गांव किलोई निवासी लगभग 46 वर्षीय बीएसएफ जवान सुनील कुमार मणिपुर में तैनात थे। (Martyred during encounter with Naxalites in Manipur)। यहां देश की सेवा करते हुए 22 दिसंबर को हुए एक नक्सली हमले में वे शहीद हो गए। इतना ही नहीं (Not only this) सुनील की शहादत की सूचना पर पूरा क्षेत्र गम के माहौल में डूब गया।

Martyred BSF Jawan Cremated-अंतिम यात्रा में उमड़ा गांव

मंगलवार सुबह सेना के विशेष वाहन में तिरंगे से लिपटा हुआ सुनील का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा, पूरा गांव उनके अंतिम दर्शन के लिए घरों से बाहर निकल आया। पूरी अंतिम यात्रा के दौरान शहीद सुनील कुमार अमर रहे के नारों से आसमान गूंजता रहा। सेना के जवानों ने परिजनों को देश की आन बान और शान तिरंगा सुनील कुमार के परिजनों को सौंपा। उन्होंने बताया कि सुनील कुमार बहुत ही बहादुर था और उनमें देश सेवा की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।

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कुछ दिन पहले छुट्टी से लौटकर गये थे सुनील

वहीं सेना की टुकड़ी ने आसमान में गोली दाग कर शहीद सुनील कुमार को अंतिम विदाई दी। जिला प्रशासन की तरफ से उपमंडलाधीश आशीष कुमार ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। सुनील कुमार करीब 18 वर्ष पहले बीएसएफ में भर्ती हुए थे। उनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी स्वाति करीब 18 वर्ष आयु की है तथा छोटी बेटी सिमरन करीब 14 वर्षीय है।

हालांकि शहीद सुनील कुमार कुछ दिन पहले ही छुट्टी काटकर अपनी ड्यूटी पर गया था। अंतिम संस्कार में भारी संख्या में ग्रामीण व अन्य गणमान्य नागरिक शामिल रहे।

 

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