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आर्य स्कूल में मनाया गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस

 हिन्द की चादर के नाम से विख्यात सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के 350 वें बलिदान दिवस को मनाने के लिए स्थानीय आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के सभी विद्यार्थियों और...
नरवाना में आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य रघुभूषण लाल, अध्यापक और विद्यार्थी गुरु तेग बहादुर को नमन करते हुए।-निस
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 हिन्द की चादर के नाम से विख्यात सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर के 350 वें बलिदान दिवस को मनाने के लिए स्थानीय आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के आरंभ में प्राचार्य रघुभूषण लाल ने विद्यार्थियों को गुरु तेग बहादुर का चित्र दिखाया ताकि वे भविष्य में गुरु तेग बहादुर के चित्र को देखकर पहचान सकें कि यह गुरु तेग बहादुर का चित्र है। इसके बाद उन्होंने विद्यार्थियों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित विक्रमजीत सिंह साहनी का गाया 'गुरु तेग बहादुर' शीर्षक गीत सुनवाया। कई छात्रों ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित विद्यालय के प्राचार्य रघुभूषण लाल का लेख 'यदि गुरु तेग बहादुर शहीद न होते तो आज भारत एक मुस्लिम देश होता' पढ़कर छात्रों को सुनाया। इस लेख में कहा गया कि हिंदू धर्म की रक्षा के लिए सिख गुरु तेग बहादुर का बलिदान हमें सदैव मुस्लिम शासकों विशेषकर औरंगजेब द्वारा हिंदुओं को जबरन मुसलमान बनाने के लिए उन पर किए गए अत्याचारों की याद दिलाता रहेगा। लेख में कहा गया कि यदि गुरु तेग बहादुर मुगल शासक औरंगजेब के अत्याचारों से घबराकर मुस्लिम धर्म अपना लेते तो हिंदू इतने भयभीत हो जाते कि बड़े पैमाने पर धर्मांतरण होता और आज भारत एक मुस्लिम देश होता।

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