रेवाड़ी, 7 जनवरी (निस)बंकर में लगी आग से साथियों को बचाते हुए शहीद हुए जिला के गांव रतनथल के सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को गांव पहुंचा। जहां गमगीन माहौल में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंत्येष्टि की गई। सेना के जवानों व हरियाणा पुलिस ने शस्त्र झुकाकर उन्हें सलामी दी। अंत्येष्टि में पूरा गांव उमड़ पड़ा। सभी की आंखें सजल थी। कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह, डीसी यशेंद्र सिंह, मेजर डा. टीसीराव, पूर्व मंत्री विक्रम सिंह यादव, कोसली एसडीएम होशियार सिंह आदि भी अंत्येष्टि में शामिल हुए और शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुखाग्नि 18 वर्षीय बेटे प्रयाग ने दी। शहीद शमशेर अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र व तीन बहनों का भाई था।
शुक्रवार की दोपहर को सेना के वाहन में 42 वर्षीय शहीद शमशेर सिंह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। जहां मौजूद गांव के सैकड़ों युवा बाइकों पर सवार होकर वाहन के साथ काफिले के रूप में चले। गांव के शमशान घाट में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
पार्थिव शरीर के साथ सेना के अधिकारियों ने बताया कि सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान यूनिट 22 मेक लेह-लद्दाख तागसे में पोस्टेड थे और 2 जनवरी की रात को माइनस डिग्री तापमान के दौरान वे अपने बंकर में साथियों के साथ मौजूद थे। इसी दौरान निकटवर्ती बंकर में आग लगने की सूचना पाकर सैनिकों को बचाने के लिए शमशेर व उनके साथी वहां पहुंचे। उन्होंने एक-एक कर सभी जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन इस दौरान बंकर में हुए ब्लास्ट की चपेट में आने से वे शहीद हो गए।
शमशेर नायब सूबेदार से सूबेदार मेजर इसी नये साल की 1 जनवरी को पदोन्नत हुए थे। वे अपने पीछे माता कमलेश देवी, पिता कै. भवानी सिंह, पत्नी रजनी देवी, 18 वर्षीय पुत्र प्रयाग व दो जुड़वा बेटियां 13 वर्षीय फाल्गुनी व धानिया को छोड़ गए हैं। गांव के सरपंच जयभगवान व ग्रामीणों ने बताया कि शमशेर सिंह एक निर्भीक और हंसमुख प्रवृति के इंसान थे। इसी माह एक जनवरी को उन्हें पदोन्नति से सूबेदार मेजर रैंक मिला था। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष हुकम चंद यादव, मेजर जनरल रिटायर्ड रणजीत सिंह, राज पारिक, सूबेदार मेजर अनिल कुमार, विजय भूरथला, सूबेदार मेजर सुरेश कुमार, जिला सैनिक बोर्ड की सचिव ले. कर्नल सरिता यादव, दल सिंह चौहान, रामफल कोसलिया, बलजीत यादव, ओमप्रकाश डाबला, दीवान सिंह चौहान, मनोज कोसलिया आदि मौजूद थे।