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Martyr Amit Kumar शहीद अमित कुमार को सारंगपुर ने दी अंतिम विदाई, बहन सीमा ने दी मुखाग्नि

राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

प्रदीप साहू/हमारे प्रतिनिधि
चरखी दादरी, 6 मई

पूरा सारंगपुर गांव मंगलवार को नम आंखों से अपने सपूत शहीद अमित कुमार को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा। जम्मू-कश्मीर के रामबन में हुए सड़क हादसे में शहीद हुए अमित कुमार का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनकी बहन सीमा ने वीर सपूत को मुखाग्नि दी, और पूरा माहौल गमगीन हो गया।

अंतिम संस्कार में सांसद धर्मबीर सिंह, विधायक सुनील सांगवान की पत्नी सुनीता सांगवान, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील इंजीनियर सहित जिला प्रशासन और सेना के अधिकारी मौजूद रहे। सैनिक टुकड़ी ने शहीद को सलामी दी और बैंड की गूंज के बीच तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी गई।

25 वर्षीय अमित कुमार भारतीय सेना में चालक के पद पर पठानकोट में तैनात थे। रविवार को श्रीनगर से लौटते समय सेना का वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया, जिससे अमित सहित तीन जवान शहीद हो गए। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद सेना की टुकड़ी ने पार्थिव शरीर को गांव पहुंचाया।

अमित अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। पिता राजेश कुमार लंबे समय से मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियों को देखते हुए अमित ने कम उम्र में ही सेना ज्वाइन की थी। आज उसी जिम्मेदारी की भावना ने देश के लिए उनका जीवन समर्पित करवा दिया।

विधायक सुनील सांगवान ने कहा, "शहीद अमित का बलिदान राष्ट्र के लिए गर्व का विषय है। सरकार उनके परिवार को हरसंभव सहायता देगी और हम सब इस दुःख की घड़ी में उनके साथ हैं।"

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