रतिया, 16 जुलाई (निस)
घग्गर नदी में आई बाढ़ ने रविवार को विकराल रूप धारण कर लिया है। रविवार सुबह नदी का जलस्तर 30 साल का रिकॉर्ड तोड़कर 18 फुट तक पहुंच गया। रंगोई नालों में बड़ी-बड़ी दरारें आने से कई गांव जलमग्न हो गये। इसके साथ ही शहर से अधिकांश मार्ग अन्य गांवों व शहरों से कट गए हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सेना की एक टुकड़ी ने मोर्चा संभाल लिया है।
पिछले 2 दिनों से पंजाब क्षेत्र खनोरी और गुहला-चीका से पानी के बहाव में कमी आने की सूचनाएं मिल रही हैं, लेकिन पिछले 24 घंटे से रतिया क्षेत्र में बाढ़ का पानी उफान का रूप धरण करता जा रहा है। इस कारण इस क्षेत्र के लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
बताया गया है कि रविवार सुबह गांव चिम्मों के साइफन में जलभराव अधिक हो जाने के कारण पानी ने फतेहाबाद की तरफ रुख कर लिया है। इस कारण प्रशासन के दिल की धड़कनें और भी तेज हो गई। लोगों की सेवा व सुरक्षा के लिए सेना की एक टुकड़ी रतिया बुला ली गई। बताया गया है कि अनेक स्थानों पर रंगोई नाले टूटने से रविवार सुबह ही रतिया-भूना मार्ग बंद हो गया, वहीं अनेक गांव एक से दूसरे से भी कट गए हैं। इधर चिम्मों से शुरू हुए पानी का बहाव गांव बुर्ज, चंदो, रायपुर, महम्मदपुर सोत्तर, सुखमणपुर होता हुआ गांव अहरवां तक पहुंच गया। पानी को आता देख ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही रिहायशी क्षेत्रों को बचाने के लिए गांवों के इर्द-गिर्द बांध बनाने शुरू कर दिए थे।
यहां फसलें नष्ट
गांव तेलीवाड़ा-लांबा, घासवां, कक्कूवाली ढाणी, बबनपुर सहित अनेक गांवों में भी पूरा जलभराव होने के कारण फसलें पूरी तरह ही नष्ट हो गई। गांव घासवा के रिहायशी क्षेत्र में भी पानी घुसने के कारण गांव का संपर्क अन्य गांवों से कट गया। गांव कक्कूवाली ढाणी बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर जाने के पश्चात इस गांव में प्रशासन की तरफ से विशेष किश्ती का प्रबंध किया गया और ढाणी में रहने वाले लोगों को सामाजिक संस्थाओं तथा प्रशासन के सहयोग से राहत सामग्री भी पहुंचाई गई।
प्रशासन ने शुरू किये राहत कार्य
एसडीएम जगदीश चंद्र अपनी पूरी टीम के साथ गांवों के लोगों के अलावा शहरी क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए मशक्कत करते रहे। जिस स्थान पर ही बाढ़ के पानी के कारण आपदा अधिक हो रही थी, वहां स्वयं ही पहुंचकर लोगों को राहत सामग्री देने के साथ-साथ जान माल की सुरक्षा को लेकर उन्होंने स्वयं विशेष प्रबंध किये।
राहत, बचाव कार्यों के लिए पहुंची सेना
बाढ़ से बचाव कार्यों एवं लोगों की सुरक्षा के लिए सेना की एक टुकड़ी रविवार दोपहर को रतिया पहुंच गई। नायब तहसीलदार अचिन कालता ने चिम्मों रेस्ट हाउस में सेना की टुकड़ी को रिसीव किया। इस मौके पर सेना के कमांडर गुरतेज सिंह ने नायब तहसीलदार व अन्य अधिकारियों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। नायब तहसीलदार ने बताया कि पानी के तेज बहाव को देखते हुए सेना को बुलाया गया ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों की सुरक्षा की जा सके। कमांडर गुरतेज सिंह ने बताया कि राहत कार्यों के लिए 42 आरमड रेजिमेंट की ड्यूटी लगी है।
बांध तोड़ने की मांग को लेकर लगाया जाम
गांव चिम्मों की बस्ती में बाढ़ के पानी के फैलने की आशंका के चलते गांव के लोग सड़कों पर आ गए और गांव कलंदरगढ़ के ग्रामीणों द्वारा मुख्य मार्ग पर लगाए गए बांध को तोड़ने की मांग को लेकर रतिया-टोहाना स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया। जाम के दौरान गांव के लोगों में आपसी तनाव फैलने की स्थिति उत्पन्न हो गई। सूचना पाकर नायब तहसीलदार अचिन कुमार व खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी संदीप भारद्वाज भारी पुलिस बल के साथ गांव में पहुंच गए। उन्होंने गांव के लोगों को शांत करते हुए बस्ती के इर्द-गिर्द बांध बनवाने का प्रयास शुरू कर दिया।