नूंह/मेवात (निस) :
महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती व दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि धूमधाम से मनाई गई। तावडू स्थित शिव-शनि पीठ पर आयोजित कार्यक्रम में पीठ के महंत बाबा नरेशगिरि ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती एक भारतीय दार्शनिक, सामाजिक नेता और आर्य समाज के संस्थापक थे। स्वामी दयानंद पशु बलि, बाल विवाह और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव, जाति व्यवस्था जैसी सामाजिक बुराइयों का विरोध करने वाले पहले पुरुषों में से एक थे, उन्होंने अपने जीवनकाल में 60 से अधिक रचनाएं लिखीं, उनकी सबसे लोकप्रिय रचना है, सत्यार्थ प्रकाश, जो सभी की प्रेरणा स्त्रोत है। वहीं,उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर उनको याद करते हुए कहा कि वह महान प्रेरणास्रोत थे।