नीलोखेड़ी, 29 अप्रैल (निस)
करनाल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा ने ‘देह शिवा बर ईहे मौहे, शुभ करमन से कबहूं न टरूं, न डरौं अरि सौं जब जाय लड़ौं निश्चय कर अपनी जीत करौं’ से अपना सम्बोधन शुरू करते हुए कहा कि जिन सवालों के जवाब जानने के लिए पूर्व मुख्यमन्त्री मनोहर लाल के पीछे 7 वर्षों से भाग रहा हूं, उन्हीं सवालों का जवाब लेने के लिए मुझे कांग्रेस ने करनाल से प्रत्याशी घोषित कर खुला मंच दे दिया है। इन सवालों का जवाब लिए बिना मैं बैठने वाला नहीं हूं। वे सोमवार को कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे।
दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि बेरोजगारों की लड़ाई लड़ने के कारण ही भाजपा-जजपा की सरकार ने मेरे ऊपर 4 केस दर्ज करवाए गए हैं, लेकिन बेरोजगारों का आवाज उठाने के बदले में मेरे ऊपर 50 मामले भी दर्ज हो जायें, तो मैं रुकने वाला नहीं हूं। एक केस के तहत जब पुलिस ने मुझे जेल में डाल दिया तो जेल से बाहर आते ही मैने बेरोजगारी को लेकर बैनर लगाए कि ‘नौकरियों को लेकर जवाब दो-हिसाब दो’ मेरे ऊपर एक और मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि 2017 में जब सीएम के सार्वजनिक कार्यक्रम में जाकर पूछना चाहा कि कितने बेरोजगारों को नौकरियां दी हैं तो सीएम ने मुझसे बात करने की बजाए 3 दिन के लिए जेल भिजवा दिया था। मैं बेरोजगारों की आवाज बुलंदी से उठा रहा हूं, जिसके चलते ही 2-2 सीएम के सामने 31 साल के युवा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाकर भेजा है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नीलोखेड़ी मेरी ननिहाल होने के कारण लोगों का दायित्व बनता है कि प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को दिव्यांशु बुद्धिराजा समझे औैर कांग्रेस नीतियों के प्रचार प्रसार में जुटकर भारी मतों से अपने भानजे को विजयी बनाने का काम करें। इस मौके पर इसराना के विधायक बलबीर वाल्मीकि, उमा शंकर पांडे, प्रो. राजेश वैद्य, राजेश चौधरी, दलवीर वाल्मीकि, रमेश फूले, रामसरण भोला, नारायण दास वर्मा, नितिन मल्होत्रा, अमरजीत धीमान, राजकुमार वाल्मीकि, मलखान कलसी, अमित बराना तथा रामेश्वर वाल्मीकि मौजूद रहे।