मनोहर को भा रहा ट्रेन का सफर, साथ में फाइलें बन रहीं हमसफर
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 जनवरी
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ट्रेन का सफर भाने लगा है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान वे दो-तीन बार ट्रेन में सफर कर चुके हैं। बेशक, इसके पीछे मौसम भी एक बड़ा कारण हो सकता है, लेकिन ट्रेन और बस में सफर करना उन्हें बहुत भाता है। इसके पीछे वजह यह भी है कि ट्रेन में सफर के दौरान उन्हें अपने सरकारी काम निपटाने का पूरा वक्त भी मिल जाता है। हवाई सफर में फाइलें साथ लेकर चलना और उन्हें निकाल पाना सहज नहीं।
मंगलवार को सीएम चंडीगढ़ से 6 बजकर 23 मिनट वाली शताब्दी से नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री का वहां कई केंद्रीय नेताओं के साथ मुलाकात का कार्यक्रम बताया जा रहा है। उनके एडवाइजर (पब्लिसिटी) तरुण भंडारी भी इस दौरान उनके साथ रहे। सीएम के निजी सहायक नवीन कौशिक कई फाइलें ट्रेन में साथ लेकर गए थे। ट्रेन की स्पीड बेशक अधिक थी, लेकिन मुख्यमंत्री की फाइल निकालने की प्रक्रिया भी अपनी रफ्तार पर थी। फाइलों को बारीकी से पढ़ने के बाद ही मुख्यमंत्री उन पर निर्णय करते हैं।
कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुकी राज्य की नौकरशाही में भी इस बात की चर्चा रहती है। दरअसल, मुख्यमंत्री किसी भी विभाग की बैठक क्यों न करें, पूरी तैयारी के साथ जाते हैं। अधिकारियों द्वारा किसी भी नई योजना का प्रारूप जब उनके सामने रखा जाता है तो कई बार अधिकारियों के पास सीएम के सवालों का जवाब नहीं होता। इस वजह से कई बार योजनाओं के प्रारूप नये सिरे से भी अधिकारियों को तैयार करने पड़ते हैं। बेशक, पूर्व के मुख्यमंत्रियों के समय में कंप्यूटर का इतना चलन नहीं था, लेकिन मनोहर लाल इस मामले में सबसे आगे हैं। खुद आईटी और कंप्यूटर-सेवी मुख्यमंत्री अकसर लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। वित्त मंत्री होने के नाते बजट को तैयार करने में भी उनकी बड़ी भूमिका होती है। गुणा-भाग में उनका कोई सानी नहीं है। किसी भी नई योजना का बजट तय करने में अधिकारियों को समय लग सकता है, लेकिन वे अंगुलियों पर ही गिनती कर देते हैं।
लोगों ने दिया है सेवा का मौका : सीएम
ट्रेन में सफर के दौरान भी दफ्तर साथ लेकर चलने पर दैनिक ट्रिब्यून ने उनसे बातचीत की तो मुख्यमंत्री ने कहा, मेरे पास काम ही तो है। वैसे भी लोगों ने मुझे सेवा का मौका दिया है। अब भी उनकी सेवा नहीं करूंगा तो कब करूंगा। खाली बैठना मुझे पसंद नहीं है।
समाज में सकारात्मक बदलाव की क्षमता रखता है साहित्यकार : मनोहर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि संत-महापुरुषों की सोच प्राचीनकाल से ही सामाजिक समरसता व एकात्म मानववाद की रही है। ऐसे संत-महापुरुषों को किसी एक वर्ग से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। प्रदेश सरकार ने इसी को ध्यान में रखते हुए संत-महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रचार प्रसार योजना चलाई है। महापुरुषों की जयंतियां एवं स्मृति दिवसों को सरकारी स्तर पर मनाने की पहल की है ताकि युवा पीढ़ी को संत महापुरुषों की जीवनी से समाज कल्याण की प्रेरणा मिले। सीएम मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर डॉ. कृष्ण गोपाल द्वारा लिखित तथा हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक – ‘डॉ बाबासाहब भीमराव रामजी अम्बेडर जीवन और चिंतन’ का विमोचन करने के उपरांत उपस्थित साहित्यकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, साहित्य समाज का आईना होता है और साहित्यकारों की समाज के प्रति अहम भूमिका होती है। एक साहित्यकार अपने शब्दों और विचारों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर ने भी अपने जीवन में सदैव समाज के सभी वर्गों में समरसता, समन्वय व खुशहाली लाने के लिए कार्य किया। उनके जीवन पर लिखी गई यह पुस्तक निश्चित तौर पर युवाओं को सकारात्मक दिशा में बढ़ने के लिए निश्चित तौर पर प्रेरित करेगी। इस मौके पर साहित्य अकादमी के निदेशक व हरियाणा उर्दू अकादमी के उपाध्यक्ष एवं निदेशक डॉ चंद्र त्रिखा, कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रो़ कुलदीप चंद अग्निहोत्री, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती सहित अन्य साहित्यकार उपस्थित थे।