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प्रदेश में अजा को भाजपा से जोड़ने की मनोहर मुहिम

केंद्रीय मंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने 22 जिलों में पूरे किए कार्यक्रम
गुरुग्राम में शनिवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ‘हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान’ समारोह में बतौर मुख्यातिथि भाग लेते हुए। -हप्र
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हरियाणा के सभी 22 जिलों में ‘हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान’ के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यक्रमों का एक दौर पूरा कर लिया गया है। इस अभियान के तहत न केवल अनुसूचित जाति समाज के लोगों को भाजपा से जोड़ने की मुहिम चलाई गई, बल्कि समाज के जरूरतमंद लोगों के लिए केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा चलाई गई योजनाओं की जानकारी दी गई, ताकि वे इनका लाभ हासिल कर सकें। जिला स्तरीय इस अभियान के तहत अजा वर्ग को भाजपा से जोड़ने की मुहिम कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन रही है।

केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने यह जिला स्तरीय अभियान चालू किए गए थे। केंद्रीय मंत्री को हर अभियान की पूरी रिपोर्ट सौंपी गई और उन्हें बताया गया कि अभियान के अंतर्गत अजा समाज के कितने लोग पार्टी के साथ जुड़े हैं और कितने लोगों ने केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त किया है।

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इन अभियान के अंतर्गत सुदेश कटारिया ने जनसुनवाई का दौर भी पूरा किया। इसके अंतर्गत अजा समाज के लोगों के कार्य संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश देकर पूरे कराए गए हैं। भाजपा का पूरा फोकस इस समय साल 2029 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। इसके लिए पार्टी पूरे एक्शन मोड में है।

इस बीच शनिवार को गुरुग्राम में हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने कहा कि हरियाणा में जिस कांग्रेस राज में हर 18 वें मिनट में अजा पर अत्याचार के मामले सामने आते थे वे अब संविधान बचाने का पाखंड करते हैं।

समाज अब उनके घिनौने इतिहास को दुबारा पलटने नहीं देगा बल्कि जाति के नाम पर उनके खेल का हमेशा के लिए खात्मा कर देगा। उन्होंने कहा की आज विपक्ष के कुछ लोग संविधान की प्रति हाथ में लेकर घूम रहे हैं और झूठा नेरेटिव फैला रहे हैं कि संविधान खतरे में हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि इन लोगों ने कभी संविधान निर्माता को सम्मान नहीं दिया। संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर को संसद में अजा, मजदूर, वंचितों व पिछड़ों की आवाज उठाने से रोकने का काम किया। आज वही लोग संविधान के हितैषी बन रहे हैं।

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