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कृषि को फ्यूचर-रेडी बनाना प्राथमिकता : नायब सैनी

हरियाणा सरकार की हाई-लेवल समीक्षा बैठक में बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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कृषि क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों, घटती कृषि भूमि और आधुनिक तकनीकी जरूरतों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने भविष्य की दिशा तय कर दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बृहस्पतिवार को यहां डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्पष्ट कहा कि राज्य को अब ‘फ्यूचर रेडीनेस’ को मिशन मोड में अपनाना होगा। उन्होंने विभाग को निर्देश दिए कि आने वाले 10 से 20 वर्षों में कृषि, बागवानी और बाजार संरचना में संभावित चुनौतियों की पहचान कर ठोस रणनीति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं और परिवर्तनों को समझते हुए हमें ऐसी योजनाएं बनानी होंगी जो समय से आगे हों। हरियाणा कृषि नवाचार का मॉडल बने, यह सरकार की प्राथमिकता है

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते परिदृश्य में पारंपरिक खेती पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि किसानों को वर्टिकल फार्मिंग, नियंत्रित वातावरण खेती, प्रिसीजन एग्रीकल्चर और अन्य नई तकनीकों के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि भूमि की उपलब्धता लगातार घट रही है, इसलिए उत्पादन बढ़ाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए तकनीक ही बड़ा हथियार साबित होगी।

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मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिया कि दीर्घकालिक योजनाओं में एआई आधारित सिस्टम, डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल गवर्नेंस को केंद्र में रखा जाए। उन्होंने कहा कि निर्णय प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग बढ़ेगा तो योजनाएं अधिक प्रभावी और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप होंगी। बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी़ कुमार ने विभाग के कार्यों और प्रारंभिक प्रगति का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, वित्त विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन, मुख्यमंत्री के ओएसडी राज नेहरू, डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर के निदेशक डॉ़ आदित्य दहिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

पराली समाधान पर सीएम सख्त

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पराली जलाने को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कृषि विभाग और डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर को संयुक्त रूप से ऐसी तकनीक विकसित और उपलब्ध कराने को कहा, जो फसल अवशेष को खेत से आसानी से हटाने में सक्षम हो, किसानों को कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ न दे और पराली जलाने की आवश्यकता पूरी तरह खत्म कर दे। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित उद्योगों से समन्वय कर यह सुनिश्चित किया जाए कि कंबाइन व अन्य मशीनों से निकलने वाली फसल निर्धारित नमी मानकों के अनुरूप ही उपलब्ध हो।

हॉर्टिकल्चर मार्केट पर बढ़ते दबाव को लेकर चेतावनी

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कनेक्टिविटी बढ़ने से गन्नौर में बन रही अंतरराष्ट्रीय हॉर्टिकल्चर मार्केट पर आने वाले वर्षों में भारी दबाव बढ़ेगा। विभाग को 10-20 वर्षों की एक व्यापक मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए ताकि बाजार की बढ़ती जरूरतों और किसान हितों दोनों का संतुलित समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व बाजार में जिन नई और उच्च मूल्य वाली फसलों की मांग बढ़ रही है, उनके अनुसार किसानों को मार्गदर्शन देना ही वास्तविक फ्यूचर-रेडी एप्रोच होगी।

 

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