लव मैरिज और लिव इन का माजरा खाप ने किया विरोध
माजरा खाप पंचायत ने महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया को सौंपे ज्ञापन में लिव इन रिलेशनशिप पर अपना पक्ष रखते हुए इस कानून को मूल रुप से समाप्त करने की मांग की। खाप ने कहा कि एक पति से तलाक हुआ नहीं और महिला दूसरे पुरुष के साथ लिव इन में रहती है, जिसकी कोई गिनती नहीं है। यही नहीं, जितने लोगों के साथ लिव इन में रहेगी, लिव इन टूटने के बाद सभी पतियों से सेक्शन 125 के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है। लिव इन के दौरान जो बच्चे पैदा होंगे, वह किस बाप की सम्पत्ति में हिस्सेदार होंगे, इस बारे कानून मौन है। बहुत सी महिलाओं ने लिव इन को व्यापार बना लिया है।
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समलैंगिकता और लड़की की शादी की उम्र कम करने पर भी उठाए सवाल
जींद की माजरा खाप पंचायत ने समलैंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने धारा 377 को संविधान से हटा कर समाज को नई बीमारी दी है। ऐसे कानून बनकर सरकार समाज को कहां ले जाना चाहती है। लड़की की शादी की आयु 18 साल से बढ़ाकर 21 साल किए जाने को गलत बताते हुए खाप पंचायत ने कहा कि जब 18 साल की लड़की अपना सरपंच, विधायक, सांसद चुन सकती है, तो पति क्यों नहीं चुन सकती। जो लड़की 15 या 16 साल की उम्र में पथभ्रष्ट हो जाएं, उनके मां-बाप लड़की को 21 साल की उम्र होने तक कैसे संभालें। महिला आयोग अध्यक्ष रेणु भाटिया ने माजरा खाप पंचायत का पक्ष इन मुद्दों पर गंभीरता से सुना और अपने विचार भी खुल कर खाप पंचायत के समक्ष रखे।