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60 करोड़ के धान घोटाले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

6 दिन के रिमांड पर आरोपी, प्राथमिक पूछताछ में खुली अधिकारियों से साठगांठ की पोल
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यमुनानगर जिले में उजागर हुए लगभग 60 करोड़ रुपये के धान घोटाले में आरोपी संदीप सिंगला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे बिलासपुर कोर्ट में पेश कर पुलिस ने दस दिन का रिमांड मांगा, तर्क दिया था कि घोटाले की जड़ें गहरी हैं। उससे रिकवरी व घोटाले से जुड़े अन्य दस्तावेज हासिल करने हैं। अदालत ने उसका 6 दिन का रिमांड मंजूर किया है। संदीप की गिरफ्तारी से इस फर्जीवाड़े की जांच विभागीय अधिकारियों तक पहुंच सकती है। अभी तक की पूछताछ में आरोपी ने इस घोटाले में कई विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ साठगांठ बताई है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसकी पत्नी की तलाश में है।

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मामले की जांच कर रही एसआईटी धान खरीद, स्टाक रजिस्टर, तोल पर्चियों, परिवहन दस्तावेजों और बैंक खातों से जुड़ी सभी कड़ियों को खंगाल रही है, जिससे इस घोटाले में शामिल विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य राइस मिलों की भूमिका स्पष्ट हो सके। वहीं, डीएसपी रजत गुलिया का कहना है कि आरोपी संदीप से पूछताछ चल रही है। मामले से जुड़ी हर कड़ी तक जांच टीम पहुंचेंगी।

आरोपी दंपति की सात राइस मिलों में मिला घोटाला

संदीप सिंगला व उसकी पत्नी के सात राइस मिलें हैं, जिनमें पांच पुरानी और दो नई हैं। प्राथमिक जांच में मार्केट कमेटी, हैफेड और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कुछ कर्मचारियों-अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई है। इसी आधार पर एसआईटी इन अधिकारियों की भूमिका की जांच शुरू कर चुकी है। पुलिस के अनुसार दंपति के बैंक खातों और संपत्तियों को सीज करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। एसआईटी अब दो जांच दलों की मदद से स्टाक रजिस्टर, भुगतान रिकार्ड, तोल स्लिप, परिवहन दस्तावेज, डिजिटल एंट्री और कंप्यूटर रिकार्ड कब्जे में लेकर मिलान कर रही है। धान खरीद प्रक्रिया में लेनदेन, भंडारण, परिवहन, तोल और सरकारी एजेंसी निगरानी जैसे कई स्तर शामिल होते हैं। इसीलिए सबसे पहले सभी दस्तावेज और डिजिटल डेटा सुरक्षित किया गया है। तकनीकी टीम कंप्यूटर रिकार्ड, लाग फाइल, बैकडेट एंट्री, ओवरराइट डेटा और साफ्टवेयर बदलावों की जांच कर रही है। कई दस्तावेजों में संदिग्ध विसंगतियां सामने आई हैं, जैसे एक ही दिन में असामान्य मात्रा में धान की एंट्री, तोल पर्चियों और स्टाक रजिस्टर में बड़ा अंतर और परिवहन दस्तावेजों में संदिग्ध नंबर वाले वाहन दर्ज होना। इन विसंगतियों की पुष्टि के लिए अगला चरण मिलों की भौतिक जांच का होगा।

एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि अगले चरण में वास्तविक स्टाक की तुलना, बैंक खातों की विस्तृत जांच, संपत्तियों की कुर्की और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। एसडीएम का कहना है कि नवनियुक्त डीसी प्रीति के आदेशों के बाद ही जांच होगी। बता दें कि दंपति की सात राइस मिलों में हुई जांच के बाद अब तक 60 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आ चुका है।

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