जींद, 19 अप्रैल(हप्र)
महात्मा हंसराज आधुनिक युग के ऋषि थे, जिन्होंने अपनी तपस्या के बल पर देश में शिक्षा का प्रकाश फैलाया। उनके नेतृत्व में 1886 में एक स्कूल लाहौर में खोला गया था। ऐसे स्कूलों की संख्या आज बढ़कर 3000 से अधिक हो गई है। यह बात डीएवी संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक तथा हरियाणा साहित्य और संस्कृति अकादमी के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने शुक्रवार को जींद के डीएवी पब्लिक स्कूल में आयोजित छात्रों और अध्यापकों की एक सभा में कही। उन्होंने बच्चों को महात्मा हंसराज के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन काल में कुछ नया करने की प्रेरणा दी। इस मौके पर स्कूल में प्राचार्या रश्मि विद्यार्थी के नेतृत्व में यज्ञ का आयोजन भी हुआ। इसमें रश्मि विद्यार्थी ने कहा कि शिक्षा एक यज्ञ है। यज्ञ की महक से वातावरण शुद्ध हो जाता है। शिक्षा के प्रकाश से व्यक्ति का जीवन रोशन हो जाता है । उन्होंने महात्मा हंसराज को त्याग और तपस्या की मूर्ति बताया। यज्ञ का संचालन रोहतास शास्त्री और करण देव शास्त्री ने किया।