अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 20 अप्रैल
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दाम में एकदम उछाल आने की अफवाह ने अनाज मंडियों में गेहूं की आवक का गणित बिगाड़ कर रख दिया है। गेहूं खरीद के 19 दिन बीतने के बाद भी अभी तक खरीद के आंकड़े पिछले साल की तुलना में आधे तक भी नहीं पहुंचे। पिछले साल 19 अप्रैल तक सरकारी खरीद एजेंसियों ने भिवानी (भिवानी, चांग, धनाना, बवानीखेड़ा) की मंडियों में 4 लाख 6 हजार 247 क्विंटल गेहूं खरीद पाई थी,जबकि इस बार अभी तक 3 लाख 5 हजार क्विंटल गेहूं अनाज मंडियों में पहुंचा है। इस बार मार्च में ज्यादा गर्मी के कारण गेहूं का उत्पदान 10 से 15 प्रतिशत कम हो चुका है। गेहूं के दाम बढ़ने की अफवाह के बीच मंडियों की बजाये किसान गेहूं अपने घरों में बने गोदामों में ले जा रहे हैं। पिछले साल पहली अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई थी और इस बार भी इसी तारीख से खरीद प्रक्रिया शुरू की गई। तीन-चार दिन तक मंडियों में गेहूं पहुंचा ही नहीं, लेकिन उसके बाद गेहूं की आवक ने थोड़ी सी गति पकड़ी। 19 अप्रैल तक भिवानी, चांग, धनाना, बवानीखेड़ा की अनाजमंडियों में 3 लाख 5 हजार क्विंटल गेहूं पहुंच पाया है। कम्बाईन मशीन से गेहूं निकालने का कार्य महज दो से तीन दिन ओर चल सकता है। उसके बाद मंडियों में गेहूं की आवक पर विराम लग सकता है। अधिकारी ये भी कह रहे हैं कि इस बार किसानों ने सरसों की बीजाई ज्यादा की थी और सरसों का रिकार्ड उत्पादन भी हुआ है। इसके कारण गेहूं कम होना स्वभाविक है।
एमएसपी से ज्यादा मिल रहे हैं दाम: किसानों को घर पर गेहूं के दाम मंडियों से ज्यादा मिल रहे हैं। व्यापारी खेत में जाकर एमएसपी से तीस रुपये अधिक दामों पर गेहूं खरीद रहे हैं। गेहूं की सरकारी खरीद 2015 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि व्यापारी इसे 2100 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं।
गांव खेड़ी के किसान संदीप का कहना है कि मार्च में गर्मी बढ़ने से गेहूं के दाने सिकुड़ गए और उत्पादन पर भी विपरित असर पड़ा है। 25 प्रतिशत पैदावार में कमी आई है।
व्यापारियों को हुआ नुकसान
अनाज मंडी व्यापारी आशीष का कहना है कि पिछले 20 वर्षों में यह पहला अवसर है जब गेहूं की आवक इतनी कम है।
इन दिनों मंडियों में इतनी ज्यादा गेहूं होती थी कि यहां पांव रखने की भी जगह नहीं मिलती। अबकी बार आवक कम होने के कारण व्यापारियों का नुकसान हुआ है।
सरसों की ज्यादा खेती से भी पड़ा प्रभाव
मार्केट कमेटी के सुपर वाइजर योगेश शर्मा का कहना है कि इस बार गर्मी अधिक पड़ने से गेहूं की पैदावार अच्छी नहीं हो पाई है। साथ ही इस बार किसानों ने सरसों की खेती ज्यादा की है।
जगाधरी में भी यही हाल

जगाधरी (निस) : अभी तक पिछले साल के मुकाबले अनाज मंडी में गेहूं की आवक बहुत कम है। मंगलवार तक अनाज मंडी में दो लाख 24 हजार 656 क्विंटल गेहूं की आवक हुई है,जबकि पिछले साल यह दो लाख 53 हजार 803 क्विंटल थी। जानकारी मिली है कि इस बार व्यापारी किसानों के खेत से ही भाव ज्यादा देकर गेहूं खरीद रहे हैं। मार्केट कमेटी के कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव ऋषिराज यादव का कहना है कि मौसम ठीक न रहने से इस बार गेहूं की फसल खराब हुई है। इसके चलते पैदावार भी प्रति एकड़ बहुत कम है। इस बार प्रति एकड़ गेहूं की औसत पैदावार 14-15 क्विंटल के आसपास है। इसका असर आवक पर पड़ रहा है। मौजूदा परिस्थतियों में आवक पिछले साल के मुकाबले बहुत कम रहने के आसार हैं।