करनाल, 28 मार्च (हप्र)
नगर निगम द्वारा एक एजेंसी से सर्वे करवाकर भेजे प्राॅपर्टी टैक्स के नोटिस को लेकर लोगों में भारी रोष है। कई महीनों से लोग निगम के चक्कर काट रहे हैं और लोगों की सुनवाई नही हो रही। सेक्टर-13 की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की कार्यकारणी की एक विशेष मीटिंग में प्राॅपर्टी टैक्स के नोटिसों में खामियों पर चर्चा की गई।
मीटिंग में सदस्यों ने कहा कि नगर निगम ने यह प्राॅपर्टी टैक्स के नोटिस फर्जी सर्वे के आधार पर भेजें हैं। निगम अधिकारियों ने अपने कार्यालय में मौजूदा प्राॅपटी के रिकार्ड से चैक किए बिना ही यह नोटिस भिजवा दिए हैं, जिन में बहुत गलतियां हैं।
प्रापर्टी टैक्स नोटिसों में 104 गज के प्लाट को 208 गज का प्लाट दिखाया गया है। रिहायशी मकान को दुकान दिखाकर कर्मिशियल बताया गया है। कुछ नोटिसों में मकान मालिक का नाम ही गलत लिखा गया है। किसी दुकान को पड़ोसी की आईडी से जोड़ दिया गया है। कई मकानों एवं दुकानों का पता गलत दिखाया गया है। उनकी कालोनियां गलत लिखी गई हैं और आईडी पर उनके मकान की फोटो नहीं बल्कि किसी अन्य मकान की फोटो लगा दी गई है। हजारों लोगों को उनके मकानों की आईडी मिली नही है।
दोबारा हो सर्वे
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने मांग की है कि नगर निगम अब दोबारा डोर-टू-डोर सर्वे करवाकर और दफ्तर के रिकार्ड से वेरीफाई करवा कर प्राॅपर्टी टैक्स नोटिस एवं बिल जारी करवाए जाएं। मीटिंग में प्रधान अशोक ढींगड़ा, उप-प्रधान एस.डी. अरोड़ा, जनरल सैक्ट्री एस.डी. सेतिया, ओ.पी. मदान, चरणजीत आहूजा, कृष्ण ठकुराल, एन.डी. कालड़ा एवं हरीश ललित उपस्थित रहे।