Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

भगवान वाल्मीकि करुणा के सागर : रजनीकांत शर्मा

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
कुरुक्षेत्र विवि में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते मुख्यातिथि। -हप्र
Advertisement

कुरुक्षेत्र, 16 जून (हप्र)

हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में महर्षि वाल्मीकि, उनकी कथा और वाल्मीकि समाज विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन रविवार को हुआ। इसमें मुख्यातिथि के रूप में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीकांत शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अध्यक्ष हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री और विशिष्ट अतिथि हरियाणा साहित्य एवं संस्कृत अकादमी के संस्कृत प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. चितरंजन दयाल सिंह कौशल रहे। मनोज कुमार ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत व अभिनंदन किया। डॉ. रजनीकांत शर्मा ने कहा कि भगवान वाल्मीकि का व्यक्तित्व बहुत ऊंचा है। उनके बारे में जितनी चर्चा की जाए उतनी कम पड़ती है। भगवान राम के जीवन को लेकर अनेक टीकाएं लिखी गई हैं, किंतु प्रामाणिक वाल्मीकि जी की रामायण है। वाल्मीकि रामायण में करुणा का भाव समाहित है, इसलिए वाल्मीकि जी को करुणा का सागर कहा जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री ने की। कार्यक्रम के अंत में डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केंद्र के सह निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह ने उपस्थित गणमान्य अतिथियों का धन्यवाद प्रकट किया। इस अवसर पर चंडीगढ़ सप्त सिंधु स्टडी सर्किल के संयोजक देवेंद्र सिंह, पंजाब वाल्मीकि अध्ययन केंद्र के संयोजक हरबंस झुम्बा, डॉ. अश्विनी गिल और गुरुतेज जोधपुरी आदि मौजूद रहे।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
×