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भागवत कथा में धूमधाम से मनाया भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव

उकलाना मंडी, 19 मार्च (निस) जब-जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुई, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण...
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उकलाना मंडी, 19 मार्च (निस)

जब-जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुई, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की।

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मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया।

यह बात माचलपुर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुनाते हुए वृंदावन से पधारे पंडित श्रीराम उपाध्याय ने श्रद्धालुओं के बीच कही। कथा माता बंसती मंदिर के परिसर में आयोजित की जा रही है। भागवत के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए चौथे दिवस पंडित नागर ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया।

इसके पूर्व पं. श्रीराम उपाध्याय ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है।

जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण के जय-जयकार के साथ झूमकर कृष्ण जन्म की खुशियां मनाई।

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