Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

राजस्थान की जीत से लोहारू हलके का चढ़ा पारा

सुशील शर्मा/निस लोहारू, 4 दिसंबर राजस्थान से सटे लोहारू विधानसभा क्षेत्र का पारा भी चढ़ा हुआ है। यहां से विधायक और मनोहर सरकार में कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल के विवादित बयान के चलते किसान संगठनों ने झंडा बुलंद किया हुआ...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
जेपी दलाल
Advertisement

सुशील शर्मा/निस

लोहारू, 4 दिसंबर

Advertisement

राजस्थान से सटे लोहारू विधानसभा क्षेत्र का पारा भी चढ़ा हुआ है। यहां से विधायक और मनोहर सरकार में कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल के विवादित बयान के चलते किसान संगठनों ने झंडा बुलंद किया हुआ है। राजस्थान के चुनावी नतीजों का असर हलके में भी देखने को मिला। कहीं पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई गई तो कहीं सन्नाटा पसरा रहा। भूतपूर्व सीएम चौ़ बंसीलाल के प्रभाव वाले क्षेत्र में शामिल होने की वजह से भी लोहारू को हॉट सीट माना जाता है। यहां से बंसीलाल के जमाई सोमबीर सिंह विधायक रहे हैं। उस जमाने में लागे हल्के-फुल्के अंदाज में लोहारू को ‘जमाई वाली सीट’ भी कह दिया करते थे। लोहारू हलका राजनीतिक तौर पर पिछले करीब एक से ज्यादा ही गरमाया हुआ है। लोहारू से 70 किमी दूर घुसकानी गांव से यहां आए नेता जेपी दलाल को इसका बड़ा कारण मानते हैं। 2009 में सोमबीर सिंह ने कांग्रेस टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा। जेपी दलाल उनके मुकाबले निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में आए। ऐसा कहा जाता रहा है कि जेपी दलाल को निर्दलीय चुनाव लड़वाने में सबसे बड़ी भूमिका बंसीलाल की पुत्रवधू और पूर्व मंत्री किरण चौधरी की रही।

सोमबीर सांगवान

आजाद प्रत्याशी के तौर पर जेपी दलाल 623 मतों के मामूली अंतर से हार गए, लेकिन सोमबीर सिंह के सामने उसी समय बड़ी चुनौती पैदा हो गई थी। इसके बाद दलाल ने इस इलाके में सक्रियता बढ़ाकर रखी। 2014 के दौरान उन्होंने अपनी अलग राह पकड़ ली। यानि किरण चौधरी के साथ उनके राजनीतिक व पारिवारिक रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई।

दलाल ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और 2014 के विधानसभा चुनाव में लोहारू से टिकट भी दिया। दलाल चुनाव नहीं जीत सके, लेकिन फिर भी उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा। 2019 के विधानसभा चुनावों में फिर से सोमबीर सिंह कांग्रेस टिकट पर मैदान में आए और उनका जेपी दलाल के साथ सीधा मुकाबला हुआ। इन चुनावों में बंसीलाल परिवार ने भी एकजुटता दिखाने की कोशिश की, लेकिन जेपी दलाल ‘जमाई’ वाली इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब रहे।

तभी से ही न केवल बंसीलाल परिवार बल्कि स्थानीय नेताओं और कुछ किसान नेताओं के लिए जेपी दलाल राजनीतिक गरमाहट पैदा करते रहते हैं। कृषि मंत्री के तौर पर उनके पूरे कार्यकाल के दौरान अनेक बार किसान नेताओं के साथ उनका सीधा-सीध टकराव होता रहा है। अब भी उनके बयान से किसान संगठन सड़कों पर हैं। किसान नेता उनसे अपने बयान पर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं तो जेपी दलाल कहते हैं कि किसानों का भला करने वाला जेपी दलाल माफी क्यों मांगे। ऐसी हालत में पड़ोसी प्रदेश राजस्थान में भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार ने लोहारू विधानसभा क्षेत्र में खासी सरगर्मियां पैदा कर डाली हैं। अब देखना ये है कि राजस्थान में भाजपा की जीत लोहारू क्षेत्र में कांग्रेस संगठनों के आंदोलन के पारे को गिराएगी और बढ़ाएगी।

Advertisement
×