अम्बाला शहर, 23 जुलाई (हप्र)
नन्यौला अनाज मंडी में एक दुकान को पहले बैंक में रहन करके लोन लेने के बाद तीसरे पक्ष को बेचने के आरोप में पुलिस ने एक दंपति सहित 3 लोगों को आपराधिक षडयंत्र रचकर 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया है। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब बैंक अधिकारियों ने दुकान को सील करके अपने कब्जे में ले लिया। इस मामले में सुषमा रानी निवासी जलबेड़ा रोड नजदीक शिव मंदिर न्यू रतनगढ़ की शिकायत पर सिमरन शर्मा, उसके पति पीयूष वत्स निवासीगांव नन्यौला व सुुषमा शर्मा निवासी नाहन हाउस, अम्बाला शहर के खिलाफ केस दर्ज किया है। सुषमा ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सिमरन शर्मा ने उसे एक दुकान नम्बर 45 न्यू गेन मार्किट नन्यौला बेची। आरोपी ने स्वयं को उक्त दुकान का मालिक बताते हुए कहा था कि यह दुकान तमाम प्रभारों से मुक्त है। इसकी रजिस्टरी प्रलेख नम्बर 3676 दिनांक 22 अगसत 2019 को 17.76 लाख रुपये के बदले बेच दी। अस्टाम पेपर व रजिस्टरी के खर्चे की रकम अलग से ली थी। रजिस्टरी के बाद सुषमा उक्त दुकान की पूर्ण रूप से मालिक व काबिज हो गई।
लेकिन उसके पैरों तले से ज़मीन तब खिसकी जब दुकान को बैंक अधिकारियों ने पुलिस व तहसीलदार अम्बाला की मदद से सील कर दिया तथा दुकान अपने कब्जे में ले ली। उसने स्पष्ट किया कि उसे आज तक किसी बैंक, तहसील या अन्य किसी सरकारी ऑफिस से उक्त दुकान के संबंध में किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं आया। उसके अनुसार अब अपने स्तर पर जांच की तो पता चला कि आरोपी आपस में मिले हुए हैं। उसने पुलिस को बताया कि वास्तव में यह दुकान पहले पीयूष वत्स के नाम थी और उसने इस दुकान को पहले बैंक में रहन करके सुषमा शर्मा को बैंक से उसकी फर्म के लिए कर्जा दिलवा कर इस दुकान को उक्त बैंक में रहन, गिरवी रख दिया और फिर अपनी पत्नी सिमरन शर्मा के हक में रजिस्टरी करवा उसे मालिक बनवा दिया ताकि खरीदार को इनकी धोखाधड़ी का पता ही न चले। सुषमा ने पुलिस को बताया कि इस प्रकार अब जब ओरिंएटल बैंक आफ कामर्स/पंजाब नेशनल बैंक ने उक्त दुकान को सील करने के बाद आरोपी सुषमा शर्मा के खिलाफ नोटिस जारी किए तभी उसे धोखाधड़ी का पता चला कि उक्त तीनों आरोपियों ने मिलकर उसके साथ धोखाधड़ी करके 18 लाख रुपये लिए हैं। उसने आरोप लगाया कि तीनों आरोपियों ने आपस में साज बाज होकर उक्त दुकान को पहले बैंक में रहन करके व लोन लेकर बाद में उसे बेची और 18 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करके उसने आरोपियों से बैंक की रकम अदा करवा कर दुकान का कब्जा वापस करवाकर मेरे साथ न्याय करने की गुहार लगाई है।