सोनीपत 11 अगस्त (हप्र)
खरखौदा शराब घोटाले में अब नया खुलासा हुआ है। इसके बाद पुलिस जहां हैरत में है, वहीं जांच का दायरा अब अम्बाला तक जा पहुंचा है। पुलिस ने हाल ही में दूध के टैंकर में अवैध शराब पकड़ी थी, जो एनवी डिस्टलरी अम्बाला से लाई गई थी, जबकि इसी नाम की डिस्टलरी पंजाब के राजपुरा में भी है, जहां से भूपेंद्र के तार जुड़े हुए हैं। अब अम्बाला में एनवी डिस्टलरी का खुलासा होने के बाद पुलिस इसे भी जांच में शामिल करने की तैयारी कर रही है। ऐसी संभावना है कि यहां भी भूपेंद्र का संपर्क रहा होगा।
दूसरा डिस्टलरी से शराब की इस तरह सीधे तौर पर तस्करी से साफ हो गया है कि तस्करों और डिस्टलरी के बीच कोई न कोई कड़ी है। जहां से बिना परमिट के इस तरह शराब बाहर निकाली जा रही है। सोनीपत पुलिस अब इस नये एंगल पर जांच कर रही है। गौरतलब है कि शराब तस्करी की घटनाओं में डिस्टलरी के एक जैसे नाम सामने आने से संशय गहरा गया है। खरखौदा शराब घोटाले के बाद पंजाब के राजपुरा की एनवी डिस्टलरी चर्चाओं में आई थी। इस पर दो बार एसआईटी दौरा कर चुकी है। डिस्टलरी प्रबंधन को जांच में शामिल किया जाएगा। उसको नोटिस जारी किया जा चुका है। अब दूध के टैंकर में पकड़ी गई तस्करी की शराब भी एनवी डिस्टलरी की है। हालांकि यह डिस्टलरी हरियाणा के ही अम्बाला जिले में है। इससे पुलिस भी हैरत में है।
संपर्क तलाश करेगी पुलिस : बताते हैं कि तस्करी के लिए शराब की सप्लाई सीधे डिस्टलरी से की जा रही थी। इसका सीधा अर्थ है कि तस्करों के तार डिस्टलरी से जुड़े हैं। शराब तस्कर भूपेंद्र भी डिस्टलरी से शराब लेकर आता था और तस्कर सोनू की शराब भी डिस्टलरी से आ रही थी। पुलिस अधिकारी इसके आधार पर शराब तस्कर भूपेंद्र और सोनू के बीच संबंध तलाश रहे थे।
टैंकर चालक ने कराई शिनाख्त : डीएसपी
इस बारे में डीएसपी डा. रविंद्र कुमार का कहना है कि भूपेंद्र को शराब पंजाब के राजपुरा की एनवी डिस्टलरी से सप्लाई की जा रही थी। दूध के टैंकर में मिली शराब अम्बाला की एनवी डिस्टलरी की है। टैंकर के चालक ने डिस्टलरी की शिनाख्त करा दी है। ऐसे में अम्बाला की डिस्टलरी को भी आरोपी बना रहे हैं। इसके साथ ही दोनों डिस्टलरी के बीच संबंधों की भी जांच की जा रही है, कहीं दोनों का प्रबंधन एक ही तो नहीं है।