चंडीगढ़, 26 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने एक कानून में ऐसा बदलाव किया है, जो शहरों में फ्लैट्स और बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों के लिए काफी राहतभरा होगा। आमतौर पर लाइट जाने पर बीच में ही रुकने वाली लिफ्ट की समस्या अब खत्म होगी। सरकार ने हरियाणा लिफ्ट्स एंड एस्केलेटर एक्ट-2008 में संशोधन किया है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने बुधवार को मानसून सत्र के दौरान यह बिल पेश किया।
लिफ्ट के बंद होने की वजह से लोग बीच में ही फंस जाते थे। इससे बड़ा हादसा होने का खतरा बना रहता था। संशोधित विधेयक में सरकार ने लिफ्ट व एस्केलेटर (स्वचालित सीढ़ियां) में स्वचालित बचाव यंत्र का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। अभी चल रही व्यवस्था में लाइट जाने के बाद लिफ्ट एक झटके के साथ तुरंत दो मंजिलों के बीच में रुकती है। साथ ही, 10-15 सेकेंड में एआरडी काम करता है और लिफ्ट केज नजदीकी मंजिल पर लाकर दरवाजे खोल देता है। लिफ्ट में स्वचालित बचाव यंत्र का उपयोग होने के बाद लिफ्ट को पर्याप्त बैकअप मिलेगा। लिफ्ट केज के दरवाजों को किसी भी मंजिल पर खोला जा सकेगा। इतना ही नहीं, लाइट जाने के बाद भी पंद्रह मिनट तक इसका नियमित संचालन होता रहेगा। इसी तरह से निकाय मंत्री विज ने हरियाणा अग्निशमन सेवा (संशोधन) विधेयक-2020 पेश किया। नगर निगमों में मेयर तथा नगर परिषद और नगर पालिकाओं में प्रधान के सीधे चुनावों से जुड़े संशोधित विधेयक भी विज ने सदन में पेश किए। इन विधेयकों को भाजपा-जजपा गठबंधन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। कोरोना की वजह से जान गंवाने वालों को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। इनमें संगीतकार पंडित जसराज, कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल हंसराज भारद्वाज, मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन, पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता, विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा, पूर्व विधायक मनीराम को भी श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा शहीदों को भी याद किया गया।
कर्जा लेने की लिमिट 2 प्रतिशत बढ़ी
केंद्र सरकार के फैसले के बाद हरियाणा सरकार ने भी हरियाणा राजकोषीय उत्तरदायित्व तथा बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2020 पास कर दिया है। इस संशोधित विधेयक के लागू होने के बाद अब राज्य सरकार की कर्जा लेने की लिमिट 2 प्रतिशत बढ़ गई है। अभी तक जीडीपी (सकल घेरलू उत्पाद) का तीन प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता था। कोविड-19 की वजह से बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए केंद्र से इस लिमिट को बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया था। केंद्र के फैसले के आधार पर ही राज्य सरकार ने यह बदलाव किया है। मोटे अनुमान के हिसाब से इस साल सरकार 17 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्जा ले सकेगी।