सफीदों, 14 जुलाई (निस)
तीन वर्ष पहले सफीदों के खेड़ाखेमावती गांव में नारा गांव के 19 वर्षीय विकास को बेरहमी से पीटकर मौत के घाट उतार दिए जाने के मामले में जींद की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नेहा नोहरिया की अदालत ने सभी 8 दोषियों खेड़ाखेमावती के सेठी, संजय, प्रवेश व मनोज उर्फ माखन, पाजू कलां के मन्नू, गांव धर्मगढ़ के शिवचरण उर्फ सूरज व मोती उर्फ राहुल तथा गांव रोढ के सोनू को आजीवन कारावास व जुर्माना की सजा सुनाई है। सभी दोषी 22 से 34 वर्ष आयु के हैं। इस अदालत में शिकायत पक्ष की पैरवी जिले के डिप्टी डीए योगिंदर राठी व एडवोकेट सतीश दलाल ने की।
पानीपत के नारा गांव के राजेश की शिकायत पर सफीदों पुलिस ने शिकायतकर्ता के बेटे विकास (19) की हत्या का मामला 8 जून को अज्ञात के खिलाफ दर्ज कर जांच शुरू की थी। पुलिस को दिए बयान में राजेश ने कहा था कि वह 7 जून 2020 को जिला करनाल के हाबड़ी गांव से उसकी वरना कार में उसके इकलौते बेटे विकास के साथ लौट रहा था। गांव खेड़ाखेमावती के समीप एक तेज रफ्तार मोटरसाइकिल उसके चालक की गलती से उनकी कार से टकरा गई, जिसमें मोटरसाइकिल चालक को गिरने से मामूली चोट आई। उन्होंने युवक को अस्पताल चलने को कहा लेकिन उसने कहा कि वह पास के खेड़ाखेमावती गांव का है, वे उसे उसके घर छोड़ दें। जब वे उसे उसके घर छोड़ने पहुंचे तो वहां अनेक महिलाओं एवं पुरुषों ने उन पर लाठी-डंडे से हमला कर दिया था।