एचसीएस को आइईएस प्रमोट करने के विरुद्ध चीफ जस्टिस को पत्र
करण सिंह दलाल ने अपने पत्र में अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक विशेष डिवीजन बेंच का गठन किया जाए, जो कि इन दागी एचसीएस अधिकारियों से जुड़े केस की सुनवाई कर सके। इन सभी के विरुद्ध पुलिस स्टेशन राज्य सतर्कता ब्यूरो हिसार में एफआइआर संख्या 20 (18 अक्टूबर 2005) धारा 420/467/468/471/120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 के तहत दर्ज है। दलाल ने चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में कहा कि इन दागी अधिकारियों की एचसीएस की उत्तर पुस्तिकाओं की न्यायिक जांच चल रही है। इसके बावजूद तथ्यों को छिपाकर उन्हें आइएएस के पदों पर पदोन्नत किया जा रहा है।
करण सिंह दलाल ने कहा कि इन एचसीएस अधिकारियों के विरुद्ध रिट याचिका पर निर्णय लंबित है और अंतिम बहस होनी है। इस भर्ती में पक्षपात और भाई-भतीजावाद का खेल खेला गया था। इन एचसीएस के चयन में हरियाणा लोक सेवा आयोग अपने दायित्वों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रहा, जिसके परिणामस्वरूप स्वच्छ और मेधावी उम्मीदवारों को एचसीएस बनने से वंचित रहना पड़ा। लिखित परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार में बहुत कम अंक दिए गए और असफल घोषित कर दिया गया, जबकि लिखित परीक्षा में कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार में बहुत अधिक अंक दिए गए और उनका चयन हो गया।