दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 6 जून
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लग्जरी मेफेयर लेक रिसोर्ट में ‘छुट्टियां’ बिता रहे कांग्रेस विधायकों का चिंतन-मंथन काफी लंबा हो गया है। अब वे बोर भी होने लगे हैं। दरअसल, वहां गर्मी काफी अधिक है और कमरों से बाहर कहीं जा नहीं पा रहे। ब्रेकफॉस्ट, लंच और डिनर पर जरूर सभी इकट्ठे हो जाते हैं लेकिन ब्यूटीफूल सिटी न्यू रायपुर को देखने का उनका ‘सपना’ पूरा नहीं हो पाया है।
‘नंदवन’ जंगल सफारी में जाने का प्रोग्राम भी सिरे नहीं चढ़ा। बताते हैं कि कुछ विधायकों ने जंगल सफारी में घूमने की इच्छा जताई थी। उन्हें यह कहते हुए रोक दिया गया कि यह नक्सली एरिया है। इस पर एक विधायक ने कहा, जब नक्सली एरिया है तो फिर यहां लाए क्यों थे। हालांकि सोमवार को विधायकों का प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया। हरियाणा में राज्यसभा चुनावों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए राजीव शुक्ल रिसोर्ट पहुंच चुके हैं। इससे पहले दूसरे पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी रिसोर्ट आ चुके हैं। हरियाणा से राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन भी रिसोर्ट में ही रुके हैं। पूर्व सीएम व विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वहां जाने का फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है। हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल भी कुछ दिन वहां लगाकर दिल्ली लौट चुके हैं। राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष – जितेंद्र कुमार भारद्वाज व रामकिशन गुर्जर वहीं डटे हुए हैं।
नहीं पहुंचे बिश्नोई-किरण चौधरी
रायपुर में कुल 28 विधायक पहुंचे हुए हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य व आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस से दूरी बनाई हुई है। पूर्व सीएलपी लीडर व तोशाम विधायक किरण चौधरी भी रायपुर नहीं गई हैं। दरअसल, किरण ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे रायपुर नहीं जाएंगी। उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि उनकी विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठा सकते। रायपुर में मौजूद एक विधायक का कहना है कि विधायक सीनियर, जूनियर नहीं होते। ऐसे में सभी को यहां आना चाहिए था।
मोबाइल है तो कट-ऑफ कैसे
राज्यसभा चुनावों में दूसरी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन के सामने जजपा के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा के मैदान में आने के बाद क्रॉस वोटिंग का खतरा बढ़ गया है। इसी वजह से कांग्रेस ने अपने विधायकों को चिंतन शिविर, भ्रमण व छुट्टियों आदि के नाम पर रायपुर भेजा हुआ है। विधायकों के पास उनके फोन भी हैं। विधायकों को रायपुर तो इसलिए ले जाया गया था ताकि वे हरियाणा में चल रही गतिविधियों से कट-ऑफ रह सकें। एक विधायक का कहना है कि जब फोन ही हमारे पास है तो हम कट-ऑफ कैसे हुए।
गुरुकुल भी तो जाते थे लोग
एक विधायक से जब पूछा गया कि पूरा दिन एक ही कमरे में बोर नहीं होते तो उन्होंने कहा, ‘पुराने समय में बच्चों को शिक्षा के लिए गुरुकुल भी तो भेजा जाता था। अब यहां रहकर हमें आत्ममंथन, आत्मचिंतन करने का मौका मिल रहा है। सभी विधायक आपस में मिलते भी हैं, साथ ही घूमते भी हैं। विगत दिवस छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी कांग्रेसियों के पास पहुंचे थे। यहां उन्होंने गोबर उठान योजना के बारे में विधायकों को बताया। दरअसल, सरकार दो रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से घरों से गोबर उठाती है। इससे खाद तैयार की जाती है।
शुक्ला ने समझाईं बारीकियां
हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के लिए नियुक्त कांग्रेस पर्यवेक्षक राजीव शुक्ला सोमवार को रायपुर पहुंचे। यहां के मेफेयर लेक रिसोर्ट में रुके कांग्रेस विधायकों के साथ उन्होंने लंबी बातचीत की। इस दौरान शुक्ला ने कहा, कांग्रेस के पूरे वोट हैं। कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की जीत होगी। कांग्रेस के सभी 31 विधायक एक जगह अपने वोट डालेंगे। साथ ही, उन्होंने विधायकों को राज्यसभा मतदान को लेकर वोटिंग प्रक्रिया की बारीकियां समझाईं। कांग्रेस नहीं चाहती कि उसका एक भी वोट खराब हो, इसलिए विधायकों को स्पेशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
”चुनावों में सभी पार्टियां पॉलिटिकल मैनेजमेंट करती हैं। कांग्रेस भी कर रही है, लेकिन उन्होंने अपने नेताओं को बाड़े में बंद करके हैरान कर दिया है। उन्हें अपने विधायकों को शेर की तरह खुला छोड़ना चाहिए, जैसे हमारे विधायक घूम रहे हैं। इंदिरा गांधी ने कहा था कि अंतरआत्मा की आवाज सबसे ऊपर होती है और ये पार्टी की आवाज के साथ मिल जाती है।” अंतरआत्मा की आवाज दल के साथ और इत्तर भी हो सकती है।”
-ओमप्रकाश धनखड़, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
”राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की जीत निश्चित है। हमारे पास 31 विधायक हैं और सभी कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देंगे। कुलदीप बिश्नोई भी कांग्रेस के विधायक हैं। कांग्रेस विधायक ट्रेनिंग पर रायपुर गए हैं और समय पर आ जाएंगे। जरूरत पड़ेगी तो फिर दोबारा जाएंगे। मेरे से या उम्मीदवार से किसी को कोई नाराज़गी नहीं है। ”
-भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री