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LCLO-CPLO recruitment : गड़बड़ी के आरोप के साथ सौंपा ज्ञापन, 11 महीने से न काम न वेतन, हुड्डा विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा

मार्च 2024 में करीब 2700 एलसीएलओ को पंचायतों में भेज दिया गया, लेकिन उन्हें कोई काम नहीं सौंपा गया
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LCLO-CPLO recruitment : हरियाणा में बेरोजगारों को रोजगार देने के नाम पर निकली एलसीएलओ-सीपीएलओ भर्ती अब युवाओं के लिए सिरदर्द बन गई है। करीब 4 हजार एलसीएलओ (लोकल कमेटी लोकल ऑपरेटर) पिछले 11 महीने से बिना काम और वेतन के हैं। कई ने पंचायतों में ज्वाइनिंग की, लेकिन काम आवंटित नहीं हुआ। वहीं, सैकड़ों युवाओं को तो ज्वाइनिंग लेटर ही नहीं मिला।

एलसीएलओ-सीपीएलओ कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को नई दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात कर हालात से अवगत कराया। यूनियन नेताओं ने बताया कि सरकार ने सीआरआईडी और परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण के तहत करीब 7 हजार सीपीएलओ का चयन किया था। नियुक्ति पत्र जारी करते वक्त आधे को सीपीएलओ और आधे को एलसीएलओ बना दिया गया, जबकि विज्ञापन सिर्फ सीपीएलओ का निकला था।

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उन्होंने कहा कि मार्च 2024 में करीब 2700 एलसीएलओ को पंचायतों में भेज दिया गया, लेकिन उन्हें कोई काम नहीं सौंपा गया। वहीं 1300 युवाओं को अब तक ज्वाइनिंग का मौका ही नहीं मिला। नतीजा यह कि सभी चयनित उम्मीदवार बिना वेतन और काम के भटक रहे हैं। यूनियन ने कहा कि सरकार ने इस भर्ती के लिए एक हजार रुपये आवेदन शुल्क लिया था और करीब 10 लाख युवाओं ने आवेदन किया। इससे सरकार के पास मोटी रकम जमा हुई। पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि यह साफ तौर पर युवाओं के साथ खिलवाड़ है।

विज्ञापन में वेतनमान का जिक्र नहीं किया गया और चयन के बाद पदनाम बदलना गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इसे लोकसभा और विधानसभा चुनावों में प्रचार का साधन बनाया और बाद में युवाओं को बेरोजगारी के हवाले कर दिया। हुड्डा ने यूनियन को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पार्टी 22 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में यह मामला जोर-शोर से उठाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक युवाओं को उनका हक और रोजगार नहीं मिलता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।

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