मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

रणधीर सिंह धीर की पुस्तक ‘चालदा चक्कर’ का लोकार्पण

कैथल, 10 सितंबर (हप्र) साहित्य सभा की मासिक काव्य गोष्ठी आरकेएसडी कालेज के स्टाफ रूम में आयोजित की गई। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. अमृतलाल मदान ने की। गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि नरेश चौधरी जींद व उपेंद्र गर्ग नरवाना ने शिरकत...
कैथल में काव्य गोष्ठी के बाद पुस्तकों का लोकापर्ण करते कवि। -हप्र
Advertisement

कैथल, 10 सितंबर (हप्र)

साहित्य सभा की मासिक काव्य गोष्ठी आरकेएसडी कालेज के स्टाफ रूम में आयोजित की गई। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. अमृतलाल मदान ने की। गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि नरेश चौधरी जींद व उपेंद्र गर्ग नरवाना ने शिरकत की। संचालन रिसाल जांगड़ा ने किया। रणधीर सिंह धीर की पुस्तक चालदा चक्कर, उपेंद्र गर्ग के कविता संग्रह गठरियां का लोकार्पण भी हुआ। गोष्ठी का आगाज दिलबाग अकेला की कविता सच्चाई का अभाव से हुआ। श्याम सुंदर गौड़ ने कहा, नहीं भूलूंगा भारत को। दिनेश बंसल की बानगी देखिए, कदम-कदम पे राही ठहरते जाते हैं।

Advertisement

बलवान कुंडू ने कुछ यूं कहा, पानी सा बहते जाना अपनी राह बनाते जाना। गांव पाई से पधारे युवा कवि विनोद ने कहा, तुमसे नजरें मिलाइए दिलो दीवार महकते हैं। उपेंद्र गर्ग ने कहा, करे इंसान कर्म खूबसूरत, वही खूबसूरत वही खूबसूरत। कमलेश शर्मा ने सत्ता के गलियारों से उठते विषैले धुएं पर शानदार कविता सुनाई। गोष्ठी में विनोद टीक, टीसी अग्रवाल, सतपाल आंनद, डा. हरीश झंडई, मधु गोयल, अनिल गर्ग धनौरी, अनिल कौशिक, स्वामी कृष्णानंद, कमल, रजनीश शर्मा, अश्विनी शांडिल्य, बलवान कुंडू सावी, सुरेंद्र कंवल, रविंद्र मित्तल, सोहन लाल, चतरभुज बंसल, रामफल गौड़ ने भी रचनाएं सुनाईं।

Advertisement
Show comments