चंडीगढ़, 1 जुलाई (ट्रिन्यू)
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डी़ सुरेश द्वारा गुरुग्राम के एक स्कूल को पुराने दामों पर जमीन अलॉटमेंट के मामले में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने इस अलॉटमेंट को रद्द कर दिया है। मामला अब कोर्ट में जाने के हालात बन गए हैं। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा आईएएस के खिलाफ पहले से जांच की जा रही है। ब्यूरो ने सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में दर्ज केस में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा जोड़ने की मंजूरी मांगी थी।
सरकार ने इसकी इजाजत ब्यूरो को नहीं दी है। यह मामला उस समय का है जब डी़ सुरेश हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक के पद पर नियुक्त थे। वीना मलिक नाम की एक महिला की दरखास्त पर 24 अगस्त, 1993 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की बैठक में स्कूल को एक एकड़ भूमि 29 हजार रुपये प्रति वर्गगज के हिसाब से अलॉट करने की मंजूरी दी थी। इस आवेदन में कहीं भी डेढ़ एकड़ जमीन की मांग नहीं थी।
आरोप हैं कि डी़ सुरेश ने मुख्य प्रशासक रहते हुए स्कूल को डेढ़ एकड़ जमीन अलॉट की। इतना ही नहीं, स्कूल से आवेदन के समय के रेट लिए गए। अब विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता ने प्लाट आवंटन को रद्द किया है। रिवीजन अथॉरिटी के नाते गुप्ता ने ये आदेश जारी किए हैं। साथ ही, उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 17 दिसंबर, 2018 के आदेश का भी उल्लेख किया है।