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जीत के बंट गये थे लड्डू, 5 मिनट बाद ही मिली हार

1977 में रेवाड़ी हलके में राव बिरेंद्र की वीएचपी के प्रत्याशी को मिली थी शिकस्त

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तरुण जैन/हप्र

रेवाड़ी, 29 सितंबर

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के इतिहास में एक ऐसी घटना भी दर्ज है, जब एक पार्टी प्रत्याशी ने कड़े मुकाबले में मतगणना पूरी होने पर जीत का ऐलान करते हुए लड्डू बंटवा दिये। लेकिन 5 मिनट बाद जब मतों की गिनती पूरी हुई तो वे 86 मतों से हार गए। प्रत्याशी के खेमे में मायूसी छा गई और उनके समर्थकों ने लड्डुओं को वापस भिजवा दिया। इतिहास के झरोखे से पता चलता है कि चुनावी पिटारे में अनेक दिलचस्प घटनाएं समाहित हैं।

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बात चुनावी साल 1977 की है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान रेवाड़ी हलके से क्षेत्र के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राव बिरेंद्र सिंह की विशाल हरियाणा पार्टी (वीएचपी) से धारूहेड़ा के राव शिवरत्न सिंह चुनाव मैदान में थे। उस समय जनसंघ पार्टी का जनता पार्टी में विलय हो चुका था। शिवरत्न सिंह का जनता पार्टी के प्रत्याशी कर्नल राव रामसिंह, कांग्रेस के प्रेम स्वरूप डाटा के साथ मुकाबला था।

लाडली प्रसाद भार्गव लालसिंह, हरदयाल, किशनचन्द आदि निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में थे। इनमें से अधिकांश स्वर्ग सिधार चुके हैं। रेवाड़ी हलका में 1977 में कुल 69927 मतदाता थे और इनमें से 44050 ने मताधिकार का प्रयोग किया था। मतगणना तत्कालीन नगर पालिका (अब नगर परिषद) परिसर में हुई थी। बैलेट पेपर का जमाना था और मतगणना के समय नतीजे जानने के लिए लोगों का भारी जमावड़ा था। सभी राउंड की गिनती के बाद शिवरत्न सिंह अपने निकटतम प्रत्याशी कर्नल राव रामसिंह से आगे थे। खुशी से सराबोर राव शिवरत्न ने बाहर आकर जीत का ऐलान कर दिया। तभी समर्थकों में खुशी छा गई और लड्डू बांट दिये गए। लेकिन 5 मिनट बाद पोस्टल बैलेट पेपर की गिनती संपन्न हुई तो उसमें कर्नल रामसिंह 86 मतों से जीत गए।

बता दें कि कर्नल राम सिंह बाद में विधानसभा व लोकसभा के कई चुनाव जीते और कांग्रेस और भाजपा की हरियाणा व केंद्र की सरकारों में मंत्री रहे। उन्होंने अपने जीवन का पहला विधानसभा चुनाव 1977 में ही लड़ा था और इसमें उन्होंने जीत भी दर्ज की थी।

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