हिसार, 1 अप्रैल (निस)
12.90 लाख रुपये के घोटाले में चल रही जांच में गवाही देने से मना करना आउटसोर्सिंग लैब अटेंडेंट को महंगा पड़ गया और कथित घोटाले के आरोपी प्रिंसिपल ने कॉलेज के कुछ प्रोफेसरों व कर्मचारियों के साथ मिलकर नौकरी से निकाल दिया। बर्खास्त लैब अटेंडेंट प्रवीण यादव ने यहां जारी बयान में बताया कि उसकी सेवाएं समाप्त कर दूसरे अभ्यर्थी को नियुक्त किया गया है, वह नियमों के विपरीत है। पूर्व प्राचार्या पीएस रोहिल्ला ने इस मामले में कहा कि सभी आरोप निराधार हैं। प्राचार्या कुसुम सैनी ने बताया कि मामला डीएचई के पास गया हुआ है। जांच चल रही है।