कुसुम ने ससुर की जिंदगी बचाने को दान किया लीवर
भिवानी, 7 मार्च (हप्र)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस न केवल महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक योगदान को मान्यता देने व लैगिंग समानता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, बल्कि ये दिवस विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा हासिल की उपलब्धियोंं को भी पहचान दिलाने का काम करता है। भिवानी सिविल जज सीनियर डिविजन की धर्मपत्नी ने जिदंगी व मौत के बीच जूझ रहे अपने ससुर को लीवर डोनेट कर न केवल अपने परिवार की खुशियां को जिंदा रखा, बल्कि समाज की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बनीं। परिवार का असली अर्थ तब समझ आता है, जब कोई अपनों के लिए बलिदान देने को तैयार हो। एक ऐसा ही प्रेरणादायक मामला मूल रूप से महेंद्रगढ़ के बुच्चावास निवासी जोगेंद्र सिंह की धर्मपत्नी कुसुम का है। जिन्होंने अपने ससुर की जिंदगी बचाने के लिए अपना लीवर दान कर एक मिसाल कायम की। जोगेंद्र सिंह फिलहाल भिवानी में सिविल जज सीनियर डिविजन के पद पर तैनात हैं।
जानकारी के अनुसार करीबन 7 वर्ष पूर्व कुसुम के सुसर कृष्ण कुमार लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। चिकित्सकों ने उन्हें लीवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी, लेकिन उपयुक्त डोनर न मिलने के कारण परिवार चिंता में था। परिवार के कई सदस्य ब्लड ग्रुप या स्वास्थ्य कारणों से डोनेट करने में सक्षम नहीं थे। ऐसे में उनकी पुत्रवधु कुसुम ने ससुर की जिंदगी बचाने के लिए ये कदम उठाया। जब कुसुम ने लीवर डोनेट करने की इच्छा जताई, तो परिवार के सदस्यों ने कहा कि ये जोखिम भरा फैसला है, लेकिन कुसुम अपने फैसले पर अडिग रही। कुसुम ने कहा कि उन्होंने मुझे बेटी की तरह अपनाया है, मेरा भी फर्ज बनता है मैं उन्हें बचाने के लिए हर संभव कोशिश करूं। कुसुम ने पिता तुल्य सुसर को लीवर देकर उन्हें नए जीवन की शुरूआत का मौका दिया।