सोनीपत, 12 दिसंबर (निस)
कुंडली बॉर्डर से किसानों के हटते ही जीटी रोड को चालू करने का काम युद्धस्तर पर शुरू किया गया है। करीब 9 किलोमीटर के क्षेत्र में पत्थर व पक्के निर्माण हटाने और मरम्मत के लिए 10 से अधिक जेसीबी और हाइड्रा मशीनों को लगाया गया है। पहले दिन दोनों ओर के करीब 50 फीसदी से ज्यादा गड्ढों को भरते हुए रोड को समतल किया गया। इस काम में एनएचएआई ने भारी मशीनरी के अलावा 150 से ज्यादा कर्मियों को लगाया है। उधर, दिल्ली की ओर से भी बेरिकेड्स व कंक्रीट की दीवारों को हटाने का काम शुरू हो गया है। संबंधित अधिकारियों का दावा है कि सोमवार शाम तक एक तरफ का सर्विस रोड पूरी तरह से चालू हो जाएगा। फिलहाल दो पहिया वाहनों के लिए रास्ता खुल चुका है। दो दिनों के भीतर दोनों सर्विस रोड चालू करने की योजना है।
जीटी रोड पर सिंघु बॉर्डर से केजीपी-केएमपी के जीरो प्वाइंट तक करीब 9 किलोमीटर के क्षेत्र में एक साल से आंदोलनकारी किसानों का जमावड़ा था। वहीं, पहले से जीटी रोड के चौड़ीकरण का काम चल रहा था। ऐसे में सर्विस रोड तक तहस नहस हो चुके थे। साथ ही बॉर्डर पर कंक्रीट की दीवारों के कारण मार्ग पूरी तरह से अवरूद्ध रहा। एनएचएआईए के प्रोजेक्ट मैनेजर आंनद दहिया ने बताया कि 15 दिसंबर से पहले दोनों ओर के सर्विस रोड को आम वाहन चालकों को लिए पूरी तरह से तैयार कर दिया जाएगा। एनजीटी के प्रतिबंध के चलते फिलहाल सड़कों की मरम्मत के लिए तारकोल का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
दिल्ली की ओर से दीवार तोड़ने का काम चालू
राहत की बात यह है कि मार्ग को खोलने के लिए दिल्ली की ओर से भी कामकाज शुरू किया जा चुका है। यहां दिल्ली पुलिस की देखरेख में कंक्रीट की दीवारों को तोड़ना शुरू कर दिया गया है। दीवारों को तोड़ने के लिए जेसीबी व हाइड्रा की मदद ली जा रही है। सिंघु बॉर्डर पर पहुंची बड़ी मशीन की मदद से कंक्रीट की मोटी दीवार को हटाने का काम शुरू हो गया। काम की गति को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि सोमवार को इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा कांटेदार तारें पूरी तरह से हटा दी गई हैं।
एक साल बाद खुला टीकरी बॉर्डर
झज्जर (हप्र) : किसानों की घर वापसी के साथ ही अब पिछले एक साल से बंद टीकरी बॉर्डर का बंद रास्ता एक साल बाद खुल गया। किसानों द्वारा आंदोलन स्थल से शनिवार को विजय मार्च निकाले जाने और यहां से अपने घरों व गांव के लिए कूच किए जाने के बाद से ही दिल्ली पुलिस ने यहां बॉर्डर पर लगे बेरिकेड्स हटा दिए थे। घंटों की मशक्कत के बाद जेसीबी की मदद से इन सभी अवरोधकों को हटा लिया गया। लंबे समय बाद ही दिल्ली रोहतक नेशनल हाईवे का बंद रास्ता खुला है।