रेवाड़ी, 31 मई (हप्र)
कोरोनाकाल में अपने माता-पिता को खो चुके आशीष ने कष्ट व संघर्ष के बीच कामयाबी की न केवल दास्तां लिखी है, बल्कि माता-पिता के सपने का साकार किया है। कोविड के दौरान अनेक लोगों ने अपने परिजनों को खोया था। उनमें से आशीष भी एक था। उसकी उम्र 18 वर्ष भी नहीं थी, लेकिन कोरोना ने अप्रैल-मई 2021 में उनके माता-पिता को उनसे छीन लिया। माता-पिता का साया उठ जाने के बाद भी आशीष ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई के प्रति समर्पित रहा। कोसली उपमंडल के एक गांव के आशीष ने कहा कि उनके माता-पिता का सपना था कि वह डॉक्टर बने, लेकिन उनका यह सपना उनके जीवित रहते तो पूरा नहीं हो सका।वे अब इस सपने को पूरा करने के लिए निरंतर अपनी पढ़ाई में जुटे रहे। परिवार ने हौसला दिया तो विषम परिस्थितियों के बाद भी अपनी 12वीं की परीक्षा पास की। वह उस समय 18 साल का भी नहीं था। उसने अपनी नानी के पास रहकर पढ़ाई पूरी की। अब उसे हिसार में एमबीबीएस में दाखिला मिला है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत आशीष को सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने आर्थिक सहायता की किट प्रदान की। जिसमें आयुष्मान योजना कार्ड व 10 लाख रुपये का चैक शामिल है। इस मौके पर विधायक लक्ष्मण सिंह, आशीष की नानी व परिजन मौजूद थे।