कलायत, 18 जून (निस)
तालाबों की खुदाई न होने के कारण गांव मटौर में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को हुई हल्की बरसात में ही मटौर गांव की सभी गलियों में घुटनों तक पानी जमा हो गया है। गांव मटौर निवासी जरनैल, आशीष जैलदार ने बताया कि गांव में बादीसर, काली जोहड़ी, बड़ा बीर, नुनीसर चार तालाब है। चारों की वर्षों से खुदाई नहीं हुई है।
शनिवार सुबह थोड़ी ही बरसात हुई है लेकिन तालाब की खुदाई न होने और पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण गांव की सभी गलियों में गंदा पानी जमा हो गया है। सबसे ज्यादा गंदा पानी तो काली जोहड़ी के चारों और वृद्ध आश्रम से श्मशान घाट तक जमा है। वहां से तो लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से जल्द से जल्द पानी निकासी की उचित व्यवस्था करवाए जाने की मांग की है। बीडीपीओ रोजी ने कहा कि सोमवार को गांव मटौर में पानी निकासी का मौका मुआयना किया जाएगा और जल्द की उचित समाधान कर दिया जाएगा मटौर निवासी जरनैल व आशीष जैलदार ने बताया कि गांव के ही कालाराम की शुक्रवार रात को मौत हो गई थी। सुबह जब अंतिम संस्कार के लिए जा रहे था तो वृद्ध आश्रम से श्मशान घाट तक आधा किलोमीटर तक रास्ते में घुटनों तक बरसात का पानी जमा था। ऐसे में लोगों को परेशानियां झेलते हुए गलियों में जमा गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा।
पिपली रोड पानी-पानी
बाबैन (निस) : प्री-मानसून की पहली बारिश से ही क्षेत्रों में गलियां व सड़कें वर्षा के पानी से जलमग्र हो गई है। पिपली रोड तथा लाडवा-शाहाबाद रोड पर करोड़ों की लागत से पानी की निकासी के लिए बने नाले सफेद हाथी बनकर रह गए हैं। पिपली रोड के नाले के जगह-जगह से टूटने व अधूरे निर्माण से तो लोगों को भ्रष्टाचार की बू आ रही है। लोगों का कहना है कि सरपंच, ठेकेदार व जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण पिपली रोड पर बना नाला सड़क के ढलान के अनुरूप नहीं बनने से निकासी नहीं हो रही है। बरसाती पानी सड़कों पर जमा रहता है जबकि नाला कई स्थानों पर सड़क से ऊंचा होने के कारण सूखा पड़ा रहता है।