केसी अरोड़ा/निस
गोहाना, 30 मार्च
गोहाना हलके से दो बार विधायक रहे 84 वर्षीय किताब सिंह मलिक का बीते सोमवार को निधन हो गया। मंगलवार को पैतृक गांव आंवली में पािर्थव देह का अंतिम संस्कार किया गया। मालूम हो, 13 मार्च को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बाइक स्लिप हो जाने से पूर्व विधायक को चोट पहुंची थी। उनकी दायीं तरफ की पसलियां टूट गई थीं। इसके बाद से वे न बात कर पा रहे थे और न ही खाना ले पा रहे थे। रविवार को परिजन उन्हें रायपुर से कुरुक्षेत्र उनके भतीजे के पास लेकर आए थे। यहीं उनका निधन हो गया। अंतिम संस्कार में गोहाना हलके के विधायक जगबीर सिंह मलिक और बरोदा हलके के विधायक इंदुराज नरवाल, दीनबंधु छोटूराम स्मारक समिति के अध्यक्ष डा. कपूर सिंह नरवाल, इनेलो से गोहाना पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन ठेकेदार प्रेम सिंह मलिक, जजपा से मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह मलिक तथा गोहाना जाट महासभा के अध्यक्ष बलवान सिंह पन्नू भी पहुंचे।
अपने लंबे राजनीतिक जीवन में किताब सिंह मलिक ने 10 चुनाव लड़े। वे 1982 में लोकदल प्रत्याशी और 1991 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर गोहाना हलके से चुनाव जीते। इसी हलके से उन्होंने 1977, 1987, 1996, 2000, 2005 और 2009 में भी अपनी किस्मत अाजमाई। वे 1978 के पंचायत चुनाव में आंवली गांव के निर्विरोध सरपंच बने। मलिक ने सोनीपत संसदीय सीट से 1983 का उपचुनाव स्व. देवीलाल के मुकाबले लड़ा। उसी सीट से 1989 का आम चुनाव भी लड़ा। 1991 में निर्दलीय जीतने पर उन्होंने तत्कालीन भजनलाल सरकार का समर्थन किया। बाद में भजन लाल से मतभेद बढ़ने पर समर्थन वापस भी ले लिया।