रोहतक, 20 जुलाई (हप्र)
भारतीय किसान यूनियन, किसान सरकार के राष्ट्रीय महासचिव एवं सदस्य वीरेंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम )सरकार द्वारा एमएसपी पर बनाई गई कमेटी में शामिल नहीं होगा। उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सरकार द्वारा एमएसपी पर बनाई गई कमेटी को लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई हैं।
वीरेंद्र हुड्डा ने बताया कि किसान मोर्चा की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में मोर्चा ने अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुए कहा है कि 18 जुलाई को एमएसपी पर कमेटी बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहीं पर भी एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने का ज़िक्र तक नहीं है।
वीरेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि 3 कृषि कानूनों को रद्द करने व एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांगों पर संयुक्त किसान मोर्चा ने 378 दिनों तक आंदोलन किया जिसमें 750 किसान शहीद हुए। 40 हजार से अधिक किसानों पर मुकदमे दर्ज किये गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उस दौरान सरकार की गोदी में बैठकर आंदोलन का विरोध करने वाले 5 तथाकथित किसान नेताओं को अब सरकार की कमेटी में लिया जा रहा है जबकि संयुक्त किसान मोर्चा के मात्र 3 प्रतिनिधि लेने का प्रस्ताव सरकार द्वारा दिया गया है। इस कमेटी के लिए सरकार की तरफ से 26 नाम दिए गए हैं और संयुक्त किसान मोर्चा से मात्र 3 नाम मांगे गए हैं। जिन 5 तथाकथित किसान नेताओं को सरकार ने कमेटी में शामिल किया है, उनमें से सभी का या तो भाजपा-आरएसएस से सम्बंध है या फिर वे लंबे समय से डब्ल्यूटीओ और मुक्त व्यापार की वकालत करते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे किसान नेताओं से एमएसपी पर कानून बनाने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान सहकारिता समूह के प्रतिनिधि के तौर पर ऐसे व्यक्ति को ले लिया गया जिनका कृषि क्षेत्र से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कमेटी सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों के हितों की पूर्ति के लिए बनाई गई है और इसका किसान हितों से कोई लेना-देना नहीं है। यह कमेटी सरकार की इच्छा अनुसार फैसला करने व एमएसपी पर खानापूर्ति करने के लिए बनाई गई है।
इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा इस कमेटी का सख्त विरोध करता है और इस कमेटी में शामिल नहीं होने का ऐलान करता है। वीरेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग के सी2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून बनवाने के लिए आंदोलन ही हमारे पास एकमात्र रास्ता बचा है और अब हम आंदोलन की बड़ी रणनीति तैयार करने का कार्य करेंगे।
चढूनी नाराज, कहा- कमेटी में 34 लोग सरकार के
झज्जर (हप्र) : किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बुधवार को बेरी में किसानों की हुई बैठक के दौरान एक अजीबोगरीब सवाल किसानों से कर बैठे। उन्होंने किसानों से पूछा – क्या वह शादीशुदा हैं और यदि हैं तो अपनी जमीन को बचाने के लिए अपनी धर्मपत्नी व बच्चों सहित आंदोलन में जुड़ जाएं तभी उनका भला हो पाएगा और उनकी जमीन बच पाएगी। चढूनी बुधवार को बेरी की मां भीमेश्वरी देवी धर्मशााला में क्षेत्र के किसानों की बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने इन दिनों सरकार द्वारा प्रदेशभर में शामलात भूमि से हटवाए जाने वाले अवैध कब्जों की मुहिम के विरोध में किसानों की बैठक ली थी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदेश के हर जिले में 31 जुलाई को किसानों की तरफ से ज्ञापन दिए जाएगें और अगले माह की 25 तारीख को कुरुक्षेत्र में इसी मसले को लेकर एक बड़ी रैली रखी गई है। उन्होंने किसानों से कहा कि वह सरकारी किसी भी वाहन में रैली में भाग लेने आएं तो उन्हें कहीं कोई भी टिकट लेकर बैठने की जरूरत नहीं है। झंडा और बिल्ला ही उनकी टिकट का काम करेगा। एमएसपी को लेकर केन्द्र सरकार
द्वारा बनाई गई कमेटी से भी चढूनी नाराज दिखे। उन्होंने
कहा कि कमेटी में जो लोग शामिल किए गए है उनमेें से 34
लोग सरकार के हैं और बाकी के जो तीन लोग किसानों के बीच से लिए गए हैं वह पहले से ही भाजपा समर्थक है। ऐसे में इस प्रकार की कमेटी का कोई औचित्य नहीं रह जाता।