ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 7 जनवरी
हरियाणा में बेरोजगारी दर को लेकर सरकार और विपक्ष में चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है। बेरोजगारी के आंकड़े जारी करने वाली एजेंसी-सीएमआईई की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए सीएम ने कहा कि आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करके प्रदेश को बदनाम करने की साजिश हुई है। इतना ही नहीं, सीएम ने कहा कि सीएमआईई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए एडवोकेट जनरल (एजी) से कानूनी राय ली जाएगी। शुक्रवार को यहां हरियाणा निवास में आयोजित प्रेस कानफ्रेंस में सीएम ने कहा कि विपक्ष के लोग इस अविश्सनीय मैग्जीन के आंकड़ों को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। रिपार्ट को मानने से इनकार करते हुए सीएम ने कहा, प्रदेश में बेरोजगारी की दर 6.1 प्रतिशत है।
यह आंकड़ा सरकार का नहीं बल्कि खुद उन युवाओं द्वारा दिया गया है, जिन्होंने खुद को बेरोजगार बताया है। परिवार पहचान-पत्र का डॉटा मीडिया के सामने रखते हुए सीएम ने कहा कि 3 वर्षों से पीपीपी पर रजिस्ट्रेशन हो रहा है। सीएम ने कहा कि अभी तक राज्य के 98 प्रतिशत के करीब परिवार पीपीपी पर रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। प्रदेश के 65 लाख 78 हजार 311 परिवारों का पंजीकरण हो चुका है। इस हिसाब से 2 करोड़ 97 लाख 99 हजार लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
इनमें से 18 से 58 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की संख्या 1 करोड़ 72 लाख 96 हजार है। इनमें से 10 लाख 59 हजार 530 ने खुद को बेरोजगार बताया है। इस हिसाब से इस वर्ग का यह कुल 6.1 प्रतिशत बनता है। सीएम ने कहा कि सरकार 18 से 58 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को ही बेरोजगारी के दायरे में मानती है। इससे अधिक उम्र के लोग खुद कुछ करना चाहें तो कर सकते हैं। सरकार के स्तर पर इस वर्ग के लोगों को रोजगार की कैटेगरी में नहीं माना जाता। सीएमआईई की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये लोग 500-1000 लोगों के सैम्पल लेकर रिपोर्ट बनाते हैं। पीपीपी पर पूरे हरियाणा का डॉटा उपलब्ध है और लोगों ने अपनी आय स्वत:घोषित की है।