करनाल, 11 मार्च (हप्र)
करनाल के डीटीपी विक्रम कुमार को स्टेट विजिलेंस टीम ने एक काॅलोनाइजर से 5 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। डीटीपी के साथ उनके ड्राइवर को भी 5 हजार रुपये के साथ काबू किया गया है।
शुक्रवार सुबह सेक्टर 6 से विक्रम कुमार की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस की टीमें पंचकूला व प्रदेश के अन्य स्थानों के लिए भी सर्च के लिए रवाना हुई ताकि उनके आवास पर सम्पत्ति को खंगाला जा सके। विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने कहा कि एक काॅलोनाईजर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए विक्रम कुमार को 5 लाख की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया है और उनके चालक बलबीर से 5 हजार रूपये बरामद हुए हैं। बताया गया कि काॅलोनाईजर को अपनी कालोनी के लिए कुछ अप्रूवल लेनी थी लेकिन उसके काम को अटकाया जा रहा है। इस बीच 5 लाख की डिमांड की गई। बिल्डर ने इसकी शिकायत विजिलेंस को की तो विभाग की टीम ने जाल बिछाकर अधिकारी और उसके चालक को गिरफ्तार कर लिया।
मकान से सामान भी बरामद
बताया गया है कि गिरफ्तार डीटीपी के किराये के मकान से कुछ अन्य सामान भी विजिलेंस ने बरामद किया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कि अढ़ाई करोड़ पकड़े गये हैं। लेकिन विजिलेंस विभाग के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने कहा कि वह अभी इसकी अाधिकारिक पुष्टि नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि डीटीपी के यहां से जो अन्य सामान बरामद हुआ है, उसकी जांच चल रही है। विभाग की सर्च टीमें अपने काम में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आरोपी डीटीपी को अदालत में पेश किया जाएगा। मामले की आगे की कार्रवाई के लिए डीटीपी का पुलिस रिमांड अदालत से लिया जाएगा।
दर्जनों काॅलोनियों पर चलाया था पीला पंजा
करीब एक साल से करनाल और इसके आसपास के कस्बों की दर्जनों काॅलोनियों पर पीला पंजा चलाया गया है। भाजपा नेताओं और पार्षदों ने भी सीएम को शिकायत कर डीटीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। लेकिन डीटीपी खुद को पाक साफ बताते रहे। डीपीटी की गिरफ्तारी की सूचना पर कुछ लोगों ने विजिलेंस कार्यालय के बाहर मिठाई बांटकर खुशी जाहिर की। वैल्डिंग मिस्त्री सत्य नारायण पांचाल ने बताया कि उसने बैंक से 15 लाख का लोन लेकर गांव गुढडा खेड़ा में घर बनाया था, जिसे डीटीपी ने अवैध बताकर तुड़वा दिया। फिर उनसे 50 हजार मांगे गये। वह नहीं दे पाया तो घर फिर से तुड़वा दिया गया।
चल-अचल संपत्तियों के ब्योरे सहित 78.64 लाख की रिकवरी
आरोपी अधिकारी के आवासीय परिसर से जांच के दौरान चल-अचल संपत्तियों के ब्योरे सहित 78.64 लाख रुपये नकदी की भारी रिकवरी भी की गई है।
प्रवक्ता ने आरोपी अधिकारी के रिश्वत के तौर-तरीकों को साझा करते हुए बताया कि आरोपी डीटीपी ने अवैध कॉलोनियों को विकसित करने में मदद की और ऐसे एरिया में सड़कों और अन्य निर्माण कार्यों को नहीं गिराने के लिए रिश्वत की यह राशि प्राप्त की। इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो को आरोपी अधिकारी के खिलाफ शिकायत मिली थी। आवास की तलाशी के दौरान डीटीपी के घर से 78,64,630 रुपये कैश मिला। आभूषण सहित कृषि भूमि, 1 फ्लैट और 12 प्लाट से संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए हैं। शेयरों, म्यूचुअल फंड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का विवरण देने वाले दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।