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Karnal News : करनाल के जिला कार्यक्रम अधिकारी पर हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन ने लगाया जुर्माना

लापरवाही से योजना का लाभ समय पर नहीं मिला, पीड़ित को 5 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा
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Karnal News : हरियाणा राइट टू सर्विस कमीशन ने करनाल के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) कार्यालय में गंभीर लापरवाही और अव्यवस्था पाए जाने पर सख्त रुख अपनाया है। कमीशन ने स्पष्ट किया कि अधीनस्थ कर्मचारियों और डीपीओ कार्यालय के बीच तालमेल की कमी तथा समय पर दिशा-निर्देश न देने के कारण एक लाभार्थी को निर्धारित समय सीमा में योजना का लाभ नहीं मिल सका। यह हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट, 2014 का सीधा उल्लंघन है।

दरअसल, करनाल निवासी शिकायतकर्ता ने कमीशन को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि महिला एवं बाल विकास विभाग की योजना के तहत तय समयसीमा में लाभ नहीं मिला। मामला 26 जुलाई 2024 को सरल पोर्टल पर दर्ज हुआ था, जबकि लाभार्थी को राशि 30 अप्रैल 2025 को उपलब्ध कराई गई। यह तय समयसीमा से काफी अधिक देरी थी। शिकायत में कहा गया कि इस देरी की मुख्य वजह कार्यालय में तालमेल की कमी, सहायक स्तर पर यूनिकोड वेरिफिकेशन में देरी और लेखाकार द्वारा बिल प्रोसेस करने में लापरवाही रही। शिकायतकर्ता ने कहा कि समय पर लाभ न मिलने के कारण उन्हें अनावश्यक कठिनाई झेलनी पड़ी।

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10 हजार का जुर्माना, 5 हजार मुआवजा

कमीशन की जांच में सामने आया कि अधिकारियों की उदासीनता और जवाबदेही न निभाने से नागरिकों को बेवजह परेशान होना पड़ा। डीपीओ कार्यालय की कार्यप्रणाली को अव्यवस्थित बताते हुए कमीशन ने जिला कार्यक्रम अधिकारी (करनाल) को दोषी पाया और उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही, लाभार्थी को 5 हजार रुपये मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया गया है। यह राशि सितंबर 2025 के वेतन से काटी जाएगी। जुर्माना राज्य कोष में जमा होगा और मुआवजा सीधे अपीलकर्ता के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। कमीशन ने महिला एवं बाल विकास विभाग के महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि जुर्माने और मुआवजे की राशि काटकर 13 अक्तूबर 2025 तक कमीशन को अनुपालन रिपोर्ट भेजी जाए।

योजना की राशि भी 5 सितंबर तक मिलेगी

कमीशन ने यह भी आदेश दिया है कि अपीलकर्ता के खाते में संबंधित योजना की राशि 5 सितंबर 2025 तक जमा कराई जाए। इसके साथ ही फील्ड स्टाफ को ई-क्यूबर सिस्टम पर व्यापक प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में किसी भी लाभार्थी को अनावश्यक देरी या परेशानी न उठानी पड़े।

सेवाओं का वितरण पूरी तरह ऑनलाइन करने के निर्देश

कमीशन ने विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी निर्देशित किया है कि सभी योजनाओं और सेवाओं का वितरण पूरी तरह ऑनलाइन मोड में किया जाए, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

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