सुरेंद्र मेहता/हप्र
यमुनानगर, 14 नवंबर
यमुनानगर में मेला कपालमोचन 15 नवंबर से शुरू होगा, जबकि मुख्य स्नान 19 नवंबर को गुरु नानक जयंती व कार्तिक पूर्णिमा पर होगा। इसमें 10 लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है। यमुनानगर के बिलासपुर के कपाल मोचन में होने वाले इस मेले में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से 10 लाख से अधिक श्रद्धालु हर साल पहुंचते हैं। पिछले वर्ष कोरोना के चलते यह मेला नहीं हो पाया था। मेले में अभी से श्रद्धालुओं ने पहुंचना शुरू कर दिया है। मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां रहकर लगातार 5 दिन तक पूजा अर्चना करने से हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। लुधियाना से परिवार के साथ पहुंची सुदर्शना शर्मा, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, फिरोजपुर से आए राम सिंह, नछत्तर सिंह का कहना है कि वह अपने परिवार व साथियों के साथ कपाल मोचन मेले में पहुंचे हैं। वह पिछले 10 सालों से लगातार यहां आ रहे हैं। यहां आकर जहां मन को शांति मिलती है, वहीं हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। श्रद्धालुओं ने यहां आज भी स्नान किया और दीपदान किया। मेले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। मेले के अधिकांश क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। तीनों सरोवरों में साफ पानी भर दिया गया है। गोताखोरों की चौबीसों घंटे ड्यूटी लगाई गई है। गाय बछड़ा घाट मंदिर के पुजारी सुभाष शर्मा ने बताया कि गऊ बछड़ा कपालमोचन सरोवर में स्नान करने से ब्रह्महत्या के पाप से भी मुक्ति मिलती है। उन्होंने बताया कि कपाल मोचन में गुरु गोविंद सिंह 52 दिन तक आकर रुके थे। कपालमोचन में भगवान शिव, भगवान राम, कौरवों पांडवों में युद्ध के बाद पांडव भी यहां आए थे। उन्होंने यहां के पवित्र सरोवर में स्नान किया था। मेला प्रशासक एसडीएम बिलासपुर जसपाल सिंह ने कहा कि मेला 19 नवंबर तक चलेगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यमुनानगर के उपायुक्त पार्थ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने मेला स्थल का दौरा करके तैयारियों का जायजा लिया।