दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 8 अप्रैल
भिवानी में डाडम माइनिंग हादसे ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की हरियाणा मॉनिटरिंग कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट दे दी है। पहली जनवरी को डाडम में हुए हादसे के कारणों की विस्तार से पड़ताल के बाद मॉनिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) प्रीतम पाल सिंह ने अपनी रिपोर्ट एनजीटी को भेजी है। इससे पूर्व वे प्रारंभिक जांच के आधार पर अपनी रिपोर्ट एनजीटी को भेज चुके थे। अब फाइनल रिपोर्ट दी है।
सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में डाडम माइनिंग एरिया में हुए उल्लंघन और नियमों के खिलाफ जाकर माइनिंग करने का खुलासा किया गया है।
जस्टिस प्रीतम पाल सिंह ने एनजीटी को रिपोर्ट सौंपने की पुष्टि की है, लेकिन रिपोर्ट में शामिल तथ्यों को लेकर उन्होंने बोलने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि उनकी ओर से फाइनल रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। अब इस पर अगली कार्रवाई एनजीटी द्वारा की जानी है। यहां बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 18 जून को एनजीटी में होनी है।
माना जा रहा है कि इसी सुनवाई के दौरान एनजीटी जस्टिस प्रीतम पाल सिंह की अध्यक्षता वाली मॉनिटरिंग कमेटी की रिपोर्ट पर विचार कर सकता है। एनजीटी इस मामले में माइनिंग करने वाली कंपनी तथा प्रदेश सरकार का पक्ष भी सुनेगी। पहली जनवरी को डाडम में बड़ा पहाड़ खिसकने की वजह से हादस हुआ था। इसमें पांच मजदूरों की मौत हो गई थी और तीन घायल हुए थे। सरकार ने शुरुआत में भिवानी डीसी से जांच करवाई थी, लेकिन डीसी की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थी।
दरअसल, डाडम हादसा होने के बाद एनजीटी ने इस पर संज्ञान लेते हुए मॉनिटरिंग कमेटी को जांच के आदेश दिए थे। जस्टिस प्रीतम पाल सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी में हरियाणा की मुख्य सचिव रहीं उर्वशी गुलाटी के अलावा माइनिंग, पर्यावरण, फॉरेस्ट सहित अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञों को साथ लेकर आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। मॉनिटरिंग कमेटी ने डाडम माइनिंग क्षेत्र का दौरा भी किया और स्थानीय जिला प्रशासन के अलावा माइनिंग, फॉरेस्ट व पर्यावरण विभाग के आलाधिकारियों से भी बातचीत की।
इन पहलुओं पर हुई जांच
मॉनिटरिंग कमेटी ने डाडम क्षेत्र के लिए तय माइनिंग प्लान की स्टडी की और यह पता लगाया कि माइनिंग में नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। इसी तरह से डाडम माइनिंग एरिया की कमियों को भी रिपोर्ट में प्रमुखता से उठाया गया है। माइनिंग कर रही कंपनी ने कितने एरिया और कितनी गहराई तक माइनिंग की इसका भी रिपोर्ट में जिक्र है। साथ ही, सरकार द्वारा कंपनी के साथ किए गए एमओयू में रखी गई शर्तों का भी कमेटी ने बारीकी से अध्ययन किया है।
ग्राउंड रियल्टी के बाद दी रिपोर्ट
जस्टिस प्रीतम पाल सिंह कमेटी ने न केवल दस्तावेजों की पड़ताल की बल्कि ग्राउंड रियल्टी के हिसाब से अपनी फाइनल रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी मॉनिटरिंग कमेटी इस तरह के संकेत दे चुकी थी कि डाडम माइनिंग एरिया में नियमों का उल्लंघन हुआ है और यहां अवैध माइनिंग हुई है। मौके का निरीक्षण करने के बाद अपनी आब्जर्वेशन के साथ रिपोर्ट नयी दिल्ली भेजी गई है। इतना ही नहीं, सेटेलाइट से डाडम के इमेज भी लिए गए। इस एरिया की मैपिंग भी करवाई गई और एरिया की गहराई सहित तमाम एंगल की पैमाइश भी कमेटी ने करवाई है।
प्रसाद कमेटी कर रही दस्तावेज का इंतजार
डाडम हादसे में विपक्ष के गंभीर आरोपों के बाद सरकार ने हरियाणा के होम सेक्रेटरी रहे सेवानिवृत्त आईएएस एसएस प्रसाद की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। यह कमेटी भी मौके का दौरा कर चुकी है। कमेटी ने माइनिंग डिपार्टमेंट, फॉरेस्ट के अलावा भूवैज्ञानिक सर्वे ऑफ इंडिया से कुछ दस्तावेज मांगे हैं। कमेटी चेयरमैन एसएस प्रसाद का कहना है कि इन विभागों से जानकारी मिलने के बाद अगली कार्रवाई होगी। कमेटी में भिवानी के डीसी, एसपी, एडीसी, एसडीएम के अलावा माइनिंग सेफ्टी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर, प्रदूषण विभाग के एसडीओ व एमओ सहित कुल 8 अधिकारी शामिल हैं।