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अरावली में जंगल सफारी, एनसीआर को मिलेंगे ‘ग्रीन फेफड़े’

पर्यावरण के साथ पर्यटन के क्षेत्र में नई उड़ान की तैयारी में प्रदेश
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राव नरबीर सिंह

प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली-एनसीआर के लिए अरावली की जंगल सफारी उम्मीद की नई किरण बन सकती है। हरियाणा सरकार गुरुग्राम और नूंह जिलों में लगभग 10 हजार एकड़ क्षेत्र में विश्वस्तरीय जंगल सफारी विकसित करने जा रही है। पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल के तहत यह प्रोजेक्ट एनसीआर को नए ‘ग्रीन फेफड़े’ देने का काम करेगा और साथ ही घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण बनेगा।

दिल्ली-एनसीआर देश का सबसे बड़ा शहरी समूह है, लेकिन यहां प्रदूषण और स्मॉग लगातार स्वास्थ्य के लिए खतरा बने हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अरावली सफारी परियोजना प्रदूषण कम करने में सहायक होगी। यहां बड़े पैमाने पर स्वदेशी पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे ऑक्सीजन स्तर बढ़ेगा और मिट्टी व भूजल को भी जीवन मिलेगा। यह हरियाणा और दिल्ली दोनों के लिए ‘ग्रीन बफर जोन’ का काम करेगा।

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प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर हरियाणा के पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने बुधवार को चंडीगढ़ में विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस प्रोजेक्ट को लेकर रिपोर्ट ली। यहां बता दें कि दिल्ली हर साल करोड़ों पर्यटकों का स्वागत करती है। 2019 में यहां 3.65 करोड़ घरेलू पर्यटक पहुंचे थे, जबकि हरियाणा में 2022 में करीब 21 लाख यात्राएं दर्ज हुईं। माना जा रहा है कि जंगल सफारी दोनों राज्यों के पर्यटन परिदृश्य को जोड़ते हुए एक नया गंतव्य बनेगी।

बड़े निवेश और हरित रोजगार

यह परियोजना पीपीपी मॉडल पर विकसित होगी, जिसमें बड़े पैमाने पर निवेश की संभावना है। स्थानीय युवाओं को ‘वन मित्र’ जैसी योजनाओं से रोजगार मिलेगा। होटल, गाइड सर्विस, लोकल ट्रांसपोर्ट और हस्तशिल्प से जुड़ी गतिविधियों में भी हजारों नौकरियां पैदा होंगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस परियोजना का शुभारंभ हो। नागपुर की गोरेवाड़ा सफारी और गुजरात की वनतारा परियोजना की तर्ज पर विकसित होने वाली यह सफारी हरियाणा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईको-टूरिज्म का केंद्र बनाएगी।

नाइट सफारी और एडवेंचर टूरिज्म

गुरुग्राम व नूंह की 10 हजार एकड़ के लगभग जमीन में बनाई जाने वाली यह जंगल सफारी अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर दुबई का भी दौरा कर चुके हैं। नाइट सफारी और एडवेंचर टूरिज्म के साथ-साथ बायोडायवर्सिटी पार्क जैसी सुविधाएं इसे परिवारों और युवाओं के लिए खास आकर्षण बनाएंगी। साथ ही, यह ‘गोल्डन ट्रायंगल’ (दिल्ली-आगरा-जयपुर) टूरिज्म सर्किट को प्राकृतिक पर्यटन का नया आयाम देगा।

सरकारी भूमि पर पौधरोपण कर सकेंगे ‘वन मित्र’

सरकार ने ‘वन मित्र योजना’ को और सशक्त करने का निर्णय लिया है। अब वन मित्र केवल निजी जमीन पर ही नहीं, बल्कि वन विभाग की भूमि पर भी पौधारोपण कर सकेंगे। 2024 में शुरू की गई योजना में अब तक 70 हजार युवाओं ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। युवाओं ने दो लाख से अधिक गड्ढे खोदे, जिनमें से चयनित 2598 युवाओं को ‘वन मित्र’ का दर्जा भी मिल चुका है। वन मित्रों को मिलने वाले 15 हजार रुपये मासिक मानदेय को समय पर जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सत्यापन प्रक्रिया को भी बदला गया है। अब डीएफओ, कंजरवेटर और फॉरेस्ट गार्ड सीधे तौर पर पौधारोपण का मूल्यांकन करेंगे। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और वन मित्रों को उनका मेहनताना समय पर मिलेगा।

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