Jind Zilla Parishad: कल होगा जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा की किस्मत का फैसला
जसमेर मलिक/हप्र, जींद, 10 फरवरी
Jind Zilla Parishad: जींद जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा की किस्मत का फैसला मंगलवार को होगा। जिला परिषद चेयरपर्सन के खिलाफ विरोधी गुट ने पिछले साल 3 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस डीसी को सौंपा था। इस अविश्वास प्रस्ताव नोटिस पर जिला परिषद की विशेष बैठक पहले 13 दिसंबर को बुलाई गई थी, जो अंतिम क्षणों में स्थगित हो गई थी।
उसके बाद जिला परिषद की दूसरी विशेष बैठक इस मसले पर 22 जनवरी को बुलाई गई थी। 22 जनवरी को भी बैठक डीसी के व्यस्त होने के कारण नहीं हो पाई थी। 30 जनवरी को फिर जिला परिषद की विशेष बैठक की तारीख तय की गई, लेकिन बैठक नहीं हो पाई।
अब जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा रंधावा ने जिला परिषद की विशेष बैठक बार-बार स्थगित किए जाने को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने इस मसले पर जींद के डीसी मोहम्मद इमरान रजा से जवाब मांगा, तो उन्होंने कहा कि वह पहले ही 11 फरवरी को जिला परिषद की विशेष बैठक की तारीख तय कर चुके हैं।
इस बार बीजेपी ने झोंकी पूरी ताकत
जिला परिषद की राजनीति में इस बार सरकार और बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जींद जिला परिषद चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का मामला बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली से लेकर सीएम नायब सैनी तक पहुंचा है।
मनीषा रंधावा को चेयरपर्सन पद से हटाने के लिए भाजपा ने अब एकजुट होकर अपनी सारी ताकत लगा दी है। पिछले सप्ताह चंडीगढ़ में इस मसले पर चर्चा हुई। मंत्री कृष्ण बेदी से लेकर डिप्टी स्पीकर कृष्ण मिड्ढा, पूर्व विधायक रामनिवास सूरजाखेड़ा को नगरपरिषद की राजनीति में बदलाव की कमान सौंपी गई है। इस कारण मंगलवार को होने वाली जिला परिषद की विशेष बैठक चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के लिए आसान नहीं होगी।
उन्हें कुर्सी बचाने के लिए इस बार सबसे ज्यादा ताकत लगानी पड़ेगी। इससे पहले जिला परिषद चेयरपर्सन को पद से हटाने के लिए केवल विरोधी गुट के पार्षद ही ज्यादा एक्टिव थे। अब भाजपा और सरकार दोनों एक्टिव हुए हैं। इसमें भी रोचक बात यह है कि मनीषा रंधावा खुद और उनके पति कुलदीप रंधावा भाजपा के सदस्य हैं।