Jind News : ये कैसी जननी सुरक्षा योजना... डिलीवरी के बाद भूख से बिलबिलाती रही जच्चा, स्टाफ ने बजट का अभाव बताकर झाड़ा पल्ला
जसमेर मलिक/जींद, 12 मई (हमारे प्रतिनिधि)
Jind News: जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में भर्ती जच्चा को भोजन देने के स्पष्ट निर्देश हैं, लेकिन सीएचसी अलेवा में विभाग के निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
ऐसा एक मामला सोमवार को सीएचसी अलेवा में देखने को मिला, जिसमें महिला को प्रसव के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पीने के लिए दूध तो उपलब्ध करवा दिया, लेकिन भोजन के मामले में उक्त जच्चा भूख से बिलबिलाती रही। यही नहीं, महिला के स्वजनों के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के समक्ष मामला उठाए जाने के बाद भी विभाग ने सीएचसी में बजट का रोना रोकर महिला को खाने के मामले में एक बिस्किट का पैकट देकर चुप करवा दिया।
गोहियां निवासी पीडि़त की सास अजमेरो उर्फ जगिरों ने बताया कि उसके लडक़े की पत्नी सपना ने सोमवार सुबह 6 बजे के करीब सीएचसी अलेवा में एक स्वस्थ्य लडक़ी को जन्म दिया था। डिलीवरी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जच्चा को पीने के लिए दूध तो उपलब्ध करवा दिया, लेकिन भोजन के मामले में कर्मचारी जच्चा के हाथों में एक बिस्किट का पैकट देकर चलते बने, जिसके कारण आखिर में उनको घर से खाना आदि मंगवाकर खाना पड़ा।
यह है योजना में प्रावधान?
सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के बाद नाश्ता, दूध तथा भोजन देने का प्रावधान है। नार्मल डिलीवरी में प्रसूता को कम से कम 48 घंटे तथा आपरेशन की स्थिति में सात दिन तक अस्पताल में रहना होता है, जिसमें महिला को डाइट के तौर पर प्रतिदिन 100 रूपये मिलते हैं। इसी प्रावधान के माध्यम से जच्चा को भोजन मिलता है, लेकिन यही व्यवस्था सीएचसी अलेवा में बजट के अभाव का शिकार हो गई है।
बजट का अभाव, कैसे दें खाना-डाइट इंचार्ज
मामले को लेकर सीएचसी अलेवा डाइट इंचार्ज पूनम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि बजट के अभाव मेें चार-पांच दिन से प्रसव के बाद महिलाओं को खाना नहीं मिल रहा है। इसके लिए उसने पहले भी घर से 14 हजार रूपये लगा रखे हैं, लेकिन अभी तक अक्तूबर महीने से एक भी रूपया नहीं मिला है, जिसके कारण प्रसव के बाद जच्चा महिलाओ को खाना नहीं मिल रहा है।
प्रसव के बाद महिलाओं को खाना नहीं देना गलत- सिविल सर्जन मामले को लेकर जींद की सिविल सर्जन डा. सुमन कोहली से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद महिलाओं को खाना देने का प्रावधान है। इसके लिए बजट आदि बहाना नहीं बनाया जा सकता है। दूसरे जगहों से पैसा लेकर प्रसव वाली महिलाओं को खाना आदि दिया जा सकता है। इसके लिए मीटिंग में एसएमओ से बात की जाएगी।