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Jhajjar waterlogging: झज्जर में ड्रेनेज सिस्टम फेल, जलजमाव से बिगड़े हालात, सड़कों पर उतरे लोग

Jhajjar waterlogging: पिछले कई दिनों से हो रही बरसात की वजह से जहां झज्जर के चहुंओर जलभराव की स्थिति है,वहीं अब बरसाती पानी लोगों के घरों में भी घुसने लगा है। लोग बार-बार नगरपरिषद और प्रशासन को उनके यहां जमा...
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झज्जर में सड़कों में भरा पानी। हप्र
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Jhajjar waterlogging: पिछले कई दिनों से हो रही बरसात की वजह से जहां झज्जर के चहुंओर जलभराव की स्थिति है,वहीं अब बरसाती पानी लोगों के घरों में भी घुसने लगा है। लोग बार-बार नगरपरिषद और प्रशासन को उनके यहां जमा हो रहे बरसाती पानी के लिए शिकायतें दे रहे है,लेकिन न तो परिषद के अधिकारी और न ही जिला प्रशासन उनकी सुनवाई कर रहा है।

गुरूवार को जब लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा तो लोग आक्रोष जताने के लिए सड़कों पर उतर आए। मामला झज्जर के गाजीकमाल गेट वाली श्मशान घाट के साथ वाली कालोनी कें जलभराव का था। यह इलाका वार्ड 2 व 3 के अधीन आता है।

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लोगों ने यहां श्मशानघाट के साथ से निकल रहे छोटे बाईपास पर एकत्रित होकर मोर्चा संभाल लिया और जाम लगाने का प्रयास किया। इस दौरान वार्ड पार्षद के पति भी मौके पर पहुंचे जिन्हें स्थानीय लोगों ने खूब खरी-खोटी सुनाई। लोगों के जाम लगाए जाने की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली तो प्रशासन ने त्वरित कार्यवाहीं के तहत मौके पर स्थानीय पुलिस बल भेजा।

पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को संभाला और लोगोें को आश्वासन देकर उनके गुस्से को शांत किया। इस दौरान लोगों ने महिला पार्षद के पति को भी जलभराव वाले क्षेत्र में उतार दिया। मामले की गंभीरता को भांपते हुए पुलिस ने मौके पर परिषद के कर्मचारियों को बुलाकर पम्प सैट लगवाए और पानी की निकासी का प्रबन्ध शुरू कराया। इस दौरान मीडिया व पुलिस प्रशासन के सामने आक्रोषित लोगों ने अपनी जमकर भड़ास निकाली।

लोगों का कहना था कि उनके क्षेत्र में पिछले कई दिनों से जलभराव है। वह ई-मेल डालकर परिषद के अधिकारियों और प्रशासन को अवगत करा चुके है। जब कोई समाधान नहीं निकला तो उन्हें मजबूर होकर सड़कों पर आना पड़ा। महिलाओं का कहना था कि शासन और प्रशासन उनकी कालोनी से पानी निकालने के लिए कतई गंभीर नहीं है। उनके इलाके के अलावा उनके घरों में भी दो से तीन फुट तक पानी जमा हो चुका है। लेकिन न तो पार्षद और न ही परिषद उनकी समस्या की तरफ ध्यान दे रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनके यहां पानी निकालने के लिए किसी भी प्रकार की कोताही हुई तो वह मजबूर होकर फिर से सड़कों पर आ जाएगें।

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