प्रथम शर्मा/हप्र
झज्जर,1़5 जून
जैसे-जैसे निकाय चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे चेयरमैन पद के सभी दावेदारों ने पसीना बहाना शुरू कर दिया है। भाजपा ने प्रचार के लिए अपने मंत्रियों, विधायकों व सांसदों की पूरी फौज उतार दी है। आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता के बल पर चुनावी वैतरणी पार करने का प्रयास कर रही है।
चुनाव में सबसे दिलचस्प बात सामने आ रही है वह है कांग्रेस द्वारा सांझा प्रत्याशी उतारे जाने के बाद भी कांग्रेस पदाधिकारियों में ही सहमति नजर बन रही है। नामांकन वापसी से एक दिन पहले दीपेन्द्र हुड्डा ने जूम मीटिंग कर चुनाव में ताल ठोकने वाले कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को एक करने का प्रयास किया था। इसमें कांग्रेस को थोड़ी सफलता भी मिली और कांग्रेस के दो दावेदार सुभाष गुर्जर और कर्नल महेंद्र ने पूर्व पार्षद राव नाहर सिंह के समर्थन में अपने नामांकन वापस ले लिये। जबकि ओमप्रकाश टोमा, भूदेव गुलिया व पूर्व पार्षद भारत भूषण वर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी राव नाहर सिंह के मुकाबले में अपनी ताल ठोकी है। चुनाव में तीन दिन ही शेष बचें है, लेकिन कांग्रेस की तरफ से अभी यहां चुनाव प्रचार करने के लिए कोई भी बड़ा नेता प्रचार के लिए नहीं आया है।
यहां यह भी बताना मुनासिब होगा कि निकाय चुनाव की घोषणा होने से पहले स्थानीय विधायक से नाराजगी रखने वाले कुछ युवा कांग्रेसियों व चेयरमैन पद के दावेदारों ने जी-23 की तर्ज पर जी-62 का गठन किया था। इस गुट ने यह घोषणा भी की थी कि यदि पार्टी चुनाव लड़ने वाले इन जी-62 में से किसी एक को चेयरमैन पद के लिए टिकट देती है तो सभी मिलकर उसकी जीत का प्रयास करेंगे लेकिन जैसे ही कांग्रेस ने यह चुनाव सिम्बल पर न लड़ने की घोषणा की तो यह गुट भी बिखर गया। चुनावी समर में कांग्रेसियों के बीच चुनाव लड़ने के लिए खेला हो गया।