चंडीगढ़, 29 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा 2017 में नियुक्त किए गए 11 हजार से अधिक जेबीटी शिक्षकों को स्थायी जिला अलॉट किया जाएगा। इन शिक्षकों की भर्ती पूर्व की कांग्रेस सरकार में हुई थी। हुड्डा सरकार ने सितंबर-2014 यानी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जेबीटी शिक्षकों की भर्ती का रिजल्ट जारी कर दिया था। हालांकि इनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई थी। सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया और आखिर में भाजपा सरकार ने 2017 में इन शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र जारी किए।
जेबीटी शिक्षकों को अभी तक भी स्थायी जिले नहीं मिले हैं। यह मामला भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जा चुका है। अब सरकार ने ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए पोर्टल खोला है, लेकिन ये जेबीटी शिक्षक तबादला प्रक्रिया शुरू करने से पहले उन्हें स्थायी जिले आवंटित करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के सामान्य स्थानांतरण से पहले 2008 व 2011 में लगे शिक्षकों को समायोजित करने तथा 2017 में नियुक्ति पाने वाले जेबीटी को स्थाई जिला आवंटित करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए प्रपोजल बनाकर मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजा गया है। सीएमओ से फैसला होने के बाद ही इन शिक्षकों के सामान्य तबादले होंगे। इस अवधि में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आंतरिक व्यवस्था करनी होगी। इतना ही नहीं, शिक्षकों को चिकित्सा अवकाश हेतु फाइल मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास स्वीकृति के लिए भेजी गई है।
मौलिक शिक्षा निदेशक अंशज सिंह के साथ बुधवार को हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की बैठक में कई मांगों पर चर्चा हुई।
त्रुटियां दूर करने को हर जिले में जायेंगी टीम
वरिष्ठता सूची में आ रही त्रुटियों को दूर करने के लिए अगले सप्ताह निदेशालय की टीम प्रत्येक जिले में जाएगी। मौलिक शिक्षा निदेशक ने बैठक में कहा कि वर्ष 2012 के सेवा नियमों में संशोधन के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा जाएगा ताकि पदोन्नति व एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोमोशन) संबंधी समस्याएं दूर हो सकें। स्कूल प्रवक्ता के लिए पदोन्नति कोटा निर्धारित करने को शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा के साथ विचार किया जाएगा।