सुरेंद्र मेहता /हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर, 23 अप्रैल
भीषण गर्मी के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी परेशान हैं। ऐसे में पक्षी भी बेहाल हैं। बेहाल पक्षियों का सहारा बना है जैन जीव दया केंद्र। बिजली की तारों में उलझे हुए पक्षियों को जीव दया केंद्र अस्पताल में लाकर उसका इलाज किया जाता है। ठीक होने के बाद उसे खुली हवा में छोड़ दिया जाता है। यमुनानगर के यमुना किनारे स्थित श्मशान भूमि में जैन समाज द्वारा स्थापित किये गए इस केंद्र में अब तक हजारों पक्षियों का इलाज किया जा चुका है। इस केंद्र को जैन मिलन शाखा द्वारा चलाया जा रहा है।
भारतीय जैन मिलन के वरिष्ठ क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आरके जैन ने बताया कि भगवान महावीर के जियो और जीने दो के पवित्र उद्देश्य को लेकर इस केंद्र की स्थापना की गई है। महेश जैन इस केंद्र के शाखा प्रधान व संदीप जैन संयोजक हैं। उन्होंने बताया कि हर महीने लगभग 400 पक्षियों का केंद्र में इलाज किया जाता है। कई बार ऐसे पक्षी आते हैं, जो उड़ नहीं पाते, उनके पंख बिजली की तारों में, पतंग की डोर से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। कई बार ऐसे पक्षी भी आते हैं जो गंभीर बीमारी लिए होते हैं। ऐसे पक्षियों को अन्य पक्षियों से अलग रखकर उनका इलाज किया जाता है। जब वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं तो उन्हें खुले आसमान में छोड़ दिया जाता है। इस केंद्र में पशुपालन विभाग से सेवानिवृत्त डॉक्टर तोमर एवं उनके सहयोगी नि:शुल्क सेवाएं दे रहे हैं। संस्था द्वारा आजीवन सदस्य बनाए गए हैं इनसे आने वाली राशि एवं सामाजिक संगठनों से मिलने वाले सहयोग से इस दया केंद्र का संचालन हो रहा है।
गर्मी बढ़ रही है और पक्षियों को भी गर्मी से बचाना है। केंद्र में चार कूलर लगाये गए हैं जबकि चार और कूलर लगाये जाने हैं। संस्था द्वारा यहां एसी लगाये जाने के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा था, लेकिन पशुपालन डॉक्टरों की सलाह के बाद फिलहाल इस प्रोजेक्ट को रोक लिया गया है।
जीव दया केंद्र में जहां बाज, मोर, चिड़िया, कौवा, कबूतर, कोयल, गिलहरी सहित अन्य पक्षियों का इलाज होता है। वहीं खरगोश, बिल्ली सहित अन्य पशु पक्षियों का भी यहां इलाज किया जाता है। विशेष बात है यह है कि संस्था के सदस्य पूरे यमुनानगर जिला में फैले हुए हैं। अपने इलाके में जहां कोई भी पक्षी घायल व बीमार अवस्था में नजर आता है, उसे तुरंत इस केंद्र में लाया जाता है।