अम्बाला शहर, 15 जून (हप्र)
आज सेंट्रल जेल में आयोजित लोक अदालत 19 बंदियों के लिए वरदान साबित हुई जिन्हें सुनवाई के बाद निर्धारित शर्तों पर रिहा करने के आदेश दिए गए।
जेल लोक अदालत की अध्यक्षता सीजएम एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बाला डा. सुखदा प्रीतम ने की। इस लोक अदालत में 45 मुकदमे रखे गए थे। इनमें से 12 मुकदमों का निपटारा किया गया और 19 बंदी निर्धारित शर्तों पर रिहा किए गए।
बालश्रम रोकने के लिए कार्यशाला
इसी बीच, जिला एडीआर सेंटर अम्बाला मे चाइल्डलाइन के सौजन्य से बालश्रम को रोकने के लिए पुलिस कर्मियों के साथ साथ संबधित विभागों से आए अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए एक वर्कशाप का आयोजन किया गया जिसमें सीजेएम डा. सुखदा प्रीतम ने संबधित विभागों से चर्चा की।
कार्यशाला में शुभम अग्रवाल पैनल अधिवक्ता ने बाल श्रम संबधित कानून व जुविनाइल जस्टिस एक्ट के बारे में जानकारी दी। अजय शंकर तिवारी, रूबल, पीएलवी ने बालश्रम व नशा निषेध बारे जागरूक किया।
कार्यस्थल पर महिलाओं के शोषण व अधिकारों पर वर्कशाप
बाद दोपहर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कार्यस्थल पर महिलाओं के शोषण व अधिकारों बारे एक वर्कशाप का आयोजन किया। यहां भी सीजेएम ने उपस्थित कर्मचारियों को उनके अधिकारों से अवगत करवाया।
ज्योति कौशल पैनल अधिवक्ता ने उपस्थित कर्मचारियों को बताया कि कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें कोई भी पीडि़ता अपनी शिकायत लगा सकती है।
इसके अलावा जिला स्तर पर भी एक कमेटी का गठन किया जाता है जिसमे कमेटी के सदस्यों द्वारा शिकायत पर निश्चित समय के अंदर कार्रवाई की जानी होती है।
उन्होंने यह भी बताया कि शिकायत सही पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी को सजा का प्रावधान है और शिकायत झूठी पाए जाने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।