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जैक फैट ने बीमारी को बनाया प्रेरणा, जागरूकता के लिए दौड़ रहे 4 हजार किलोमीटर

ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ब्रिटिश अल्ट्रा रनर जैक फैट सियाचिन से कन्याकुमारी तक 4 हजार किलोमीटर लंबी ऐतिहासिक दौड़ पर निकले हैं। वे प्रतिदिन लगभग 50 किलोमीटर दौड़ते हुए 80 दिनों में इस सफर...
करनाल में पहुंचने पर रविवार को ब्रिटिश अल्ट्रा रनर जैक फैट का स्वागत करते प्रवेश गाबा।-हप्र
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ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ब्रिटिश अल्ट्रा रनर जैक फैट सियाचिन से कन्याकुमारी तक 4 हजार किलोमीटर लंबी ऐतिहासिक दौड़ पर निकले हैं। वे प्रतिदिन लगभग 50 किलोमीटर दौड़ते हुए 80 दिनों में इस सफर को पूरा करेंगे। रविवार को जैक फैट करनाल पहुंचे, जहां विर्क हॉस्पिटल और करनाल फिट रनर्स परिवार की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रवेश गाबा, डॉ. देवांशु कालरा, शिव सिंगला, राहुल कौशिक, डॉ. सूरज सिंह, डॉ. अमन, डॉ. तृप्ति और डॉ. शिवानी सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। सभी ने जैक फैट के साहस और जज़्बे की सराहना करते हुए उनके इस प्रेरणादायी अभियान के लिए शुभकामनाएं दीं। पत्रकारों से बातचीत में जैक फैट ने कहा कि छह वर्ष पहले 25 वर्ष की उम्र में जब डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन ट्यूमर की जानकारी दी और यह बताया कि वे शायद 40 वर्ष की आयु तक ही जी पाएंगे, तो यह किसी के लिए भी तोड़ देने वाली खबर हो सकती थी। उन्होंने हार मानने के बजाय उम्मीद और हौसले का रास्ता चुना। उन्होंने कहा कि टर्मिनल बीमारी जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नये अध्याय की शुरुआत हो सकती है। जैक फैट ने बताया कि जब वे गहरे दु:ख और भय में थे, तब भारत आकर योग, ध्यान, प्राणायाम, कृतज्ञता और मौन साधना जैसी विधाओं ने उन्हें नई ऊर्जा दी। अब वे उसी भारत की धरती पर दौड़कर यह संदेश देना चाहते हैं कि जीवन चाहे कितना भी नाजुक क्यों न हो, उसे साहस, प्रेम और कृतज्ञता के साथ जीया जा सकता है।

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